नई दिल्ली:  दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज ने विज्ञान भवन में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया. कार्यक्रम की संयोजिका एवं हंसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो रमा ने कहा कि आज हम विज्ञान भवन में नई दुनिया, नया भारत, नई हिंदी के लिए एकत्रित हुए हैं. दो दिनों तक हिंदी के विभिन्न स्वरूप पर कुल चौदह सत्रों में चिंतन मनन एक बड़ी बात है, और अपने तरह का अनूठा प्रयास. 'नई दुनिया, नया भारत, नई हिंदी' विषयक पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए पूर्व राज्यपाल ओपी कोहली ने कहा कि हमारा भारत दो भारत में बंटा है, गाँव और शहर में. इन दोनों के बीच की दूरी को पाटने में हिंदी ही सक्षम है. इस अवसर पर अश्विनी चौबे, चित्रा मुद्गल, एडमिरल डी के जोशी, महेन्द्र गोयल, तोमियो मिजोकामी, प्रो मोहन, विजय कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे. इस सम्मेलन में जापान, अमेरिका, इंग्लैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, बुल्गारिया, न्यूयार्क, आर्मेनिया, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, सिंगापुर, गयाना, श्रीलंका, मॉरिशस तथा नार्वे सहित लगभग 20 देशों के प्रतिभागी सम्मिलित हुए थे.

पहले दिन के महत्त्वपूर्ण सत्रों में कौशल विकास के आयाम और डिजिटल दुनिया और डिजिटल हिंदी पर अपना बात रखने वालों में केजी सुरेश, अनंत विजय, शैलजा सक्सेना, बालेन्दु दाधीच व संजय बघेल थे. 'हिंदी सिनेमा और गीत संगीत का वैश्विक परिदृश्य' पर अपनी बात रखने वालों में तेजेन्द्र शर्मा, कैलाश खेर, मालिनी अवस्थी गायिका, वाणी त्रिपाठी, गायत्री कुमार, संदीप भुतोड़िया, विनीता काम्बिरी व प्रभांशु ओझा शामिल थे. 'हिंदी साहित्य इस पार उस पार' विषय पर प्रो श्यौराज सिंह, दिव्या माथुर, डा नंदकिशोर पांडेय, जया वर्मा, अनिल जोशी व आशीष कंधवे ने अपनी बात रखी. 'हिंदी शिक्षण का वैश्विक परिदृश्य' विषयक पर डा विमलेश कांति वर्मा, प्रो केएन तिवारी, प्रो सुरेश ऋतुपर्ण, तोमियो मिजोकामी, प्रो देवेन्द्र चौबे, प्रो सत्यकाम, सफर्मो तोलिबो, परमजीत राय, संध्या सिंह, राम प्रकाश द्विवेदी व महेन्द्र प्रजापति ने बात रखी. 'विज्ञापन की दुनिया और हिंदी' विषय पर प्रो कुमुद शर्मा, डा आनंद प्रधान, बीएल गौड़, राकेश दुबे, ममता मंडल, संभव कुमार, अजय कुमार, विनित कुमार और डा विनय गुप्ता ने बात की.