सुल्तानपुरः साहित्य की धमक अब महानगरों के साथ ही छोटे शहरों में भी गूंज रही है. सुल्तानपुर के धर्मादेवी बद्रीप्रसाद महाविद्यालय में साहित्य परिवार की ओर से धानपाती सम्मान समारोह 2018 का आयोजन किया गया, जिसमें लखनऊ के राम नगीना मौर्य को कहानी, अहमदाबाद की मधु प्रसाद को कविता और अनंत कालेज गुजरात के प्राचार्य डॉ. भगवान सिंह सोलंकी को समीक्षा विधा के लिए 'धानपाती देवी सम्मान 2018' प्रदान किया गया. इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शोभनाथ शुक्ल, डॉ. राम प्यारे प्रजापति, सुरेश चंद्र शर्मा, समालोचक ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह 'रवि', डॉ.बजरंगी यादव, अवनीश त्रिपाठी व डॉ. अरुण कुमार आर्य को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ व धनराशि देकर सम्मानित किया गया. गाँव में रहते हुए समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट काम करने वाले दस महिला-पुरुषों तथा महाविद्यालय की विभिन्न कक्षाओं में उच्चतम अंक पाने वाली छात्राओं को प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया. साहित्यकार डा. सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि समाजधानपाती देवी सम्मान 2018 और पुस्तक लोकार्पण संपन्न की सभी समस्याओं का हल साहित्य में है. साहित्य ही सबको दिशा देता है.
समारोह का संचालन युवा साहित्यकार ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह ‘रवि’ व अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंधक दयाराम यादव ने किया. आगंतुकों का स्वागत व आभार ज्ञापन आयोजक सूर्यदीन यादव ने किया. समारोह में राम नगीना मौर्य की कहानी पुस्तक 'आप कैमरे की नजर में हैं' , डॉ.राम प्यारे प्रजापति के कहानी संग्रह 'मुक्तिकामी शिलायें ' डॉ. सूर्यदीन यादव की पुस्तक 'गांव परिवेश की कहानियां' तथा 'आलोचना के आवर्त: नये सौंदर्य मूल्य' का लोकार्पण भी हुआ. अंत में जनपद के साहित्यकार स्व. रामनरेश यादव ' बूंचा फिरोजाबादी' को मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उनकी पुत्री सोनम यादव ने कविताओं का पाठ किया ।
समारोह का संचालन युवा साहित्यकार ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह ‘रवि’ व अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रबंधक दयाराम यादव ने किया. आगंतुकों का स्वागत व आभार ज्ञापन आयोजक सूर्यदीन यादव ने किया. समारोह में राम नगीना मौर्य की कहानी पुस्तक 'आप कैमरे की नजर में हैं' , डॉ.राम प्यारे प्रजापति के कहानी संग्रह 'मुक्तिकामी शिलायें ' डॉ. सूर्यदीन यादव की पुस्तक 'गांव परिवेश की कहानियां' तथा 'आलोचना के आवर्त: नये सौंदर्य मूल्य' का लोकार्पण भी हुआ. अंत में जनपद के साहित्यकार स्व. रामनरेश यादव ' बूंचा फिरोजाबादी' को मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उनकी पुत्री सोनम यादव ने कविताओं का पाठ किया ।