कानपुरः उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी समझे जाने वाले इस शहर में साहित्य में पसरे सन्नाटे को तोड़ने की एक कोशिश उत्साही साहित्य प्रेमियों ने स्थानीय लाजपत भवन में की. 'धनुक' के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में देर रात तक साहित्यिक प्रेमियों का जमावड़ा रहा. कार्यक्रम में साहित्य से जुड़ी कई गतिविधियां संपन्न हुई. इस दौरान कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य आरती लाल चंदानी, कवि लीलाधर जगूड़ी, कथाकार प्रियंवद, कवि व पत्रकार विजय किशोर मानव, कथाकार व सम्पादक राजेंद्र राव, कथाकार अमरीक सिंह दीप, व्यंग्य कवि कमलेश द्विवेदी, कवि राजेन्द्र तिवारी, कवि डॉ दीक्षित, ज्योत्सना, कवि राजेश, पत्रकार व कवयित्री मौलि, रोमी व पत्रकार रेनू दीक्षित आदि मौजूद रहे. इसी आयोजन में 'गांधी से कौन डरता है' विषयक संगोष्ठी में लीलाधर जगूड़ी, प्रियंवद, विजय किशोर मानव व पराग ने अपने विचार रखे व परिपत्र पढ़ा.

वक्ताओं ने व्याख्यान के अलावा कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं के गांधीजी से जुड़े सवालों के उत्तर भी दिये. इसी कार्यक्रम में कपिल शर्मा शो के क्रिएटिव राइटर वंकुश अरोरा की किताब 'लव ड्राइव' का विमोचन भी हुआ. इस दौरान कवि डॉ. अग्नि शेखर व कवि गौतम राजऋषि ने अपने अनुभवों को भी साझा किया और कविताएं भी सुनाईं. उन्होंने कश्मीर के विस्थापितों के दर्द को उकेरती चुनिंदा वीडियो कविताओं की चित्रमय प्रस्तुति भी की, जिसे उपस्थित दर्शक, श्रोताओं की खूब वाहवाही मिली. कांसेप्ट, वाॅयस ओवर, फोटो एडिटिंग व कविताओं का चुनाव काबिले तारीफ था. पूरे कार्यक्रम के दौरान नगर के साहित्यप्रेमी युवाओं की मौजूदगी काबिलेतारीफ थी.