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दैनिक जागरण सृजन – परिकल्पना
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दैनिक जागरण सृजन देश के युवा लेखकों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने का एक ऐसा मंच है, जो हिंदी में सृजनात्मक लेखन करने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए अपने सपने को हकीकत में बदलने का एक अवसर देता है। दैनिक जागरण सृजन का उद्देश्य हिंदी में सृजनात्मकता को बढ़ावा देना है। दैनिक जागरण सृजन में हिंदी के वरिष्ठ लेखक अपने अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ नवोदित लेखकों को लेखन के गुर सिखाएंगें। इसमें उम्र और पेशेगत बाधाएं भी नहीं है, यानि कि कोई भी इस कार्यक्रम में भाग ले सकता है ।
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दैनिक जागरण सृजन में देशभर के प्रमुख हिंदी प्रकाशकों की सहभागिता होगी ताकि नए लेखकों को हिंदी प्रकाशन का विशाल क्षितिज मिल सके। इसके लिए प्रकाशकों की एक संचालन समिति बनाई जाएगी। दैनिक जागरण के इस महात्वाकांक्षी कार्यक्रम में हिंदी के प्रमुख प्रकाशकों की सहभागिता बेहद अहम होगी। प्रकाशकों की संचालन समिति को इस कार्यक्रम के कई महत्वपूर्ण मसलों पर फैसले लेने का अधिकार होगा।
दैनिक जागरण सृजन के लिए प्रकाशकों की संचालन समिति, इस कार्यक्रम के लिए तय किए गए शहरों में वरिष्ठ लेखकों को नए लेखकों के अनुभवी परामर्शदाता के तौर पर चिन्हित और नियुक्त करेगी। इसके अलावा इस समिति के पास पुस्तक की साज-सज्जा से लेकर छपाई के स्तर को तय करने का अधिकार भी होगा। यह समिति ही तय करेगी कि लेखकों को प्रकाशक कितना अधिकतम अग्रिम भुगतान कर सकते हैं, एक प्रकाशक अधिकतम कितनी पांडुलिपि ले सकते हैं, पुस्तक का प्रकाशन अधिकतम कितने दिनों में हो जाना चाहिए। इस लिहाज से देखें तो प्रकाशकों की संचालन समिति दैनिक जागरण सृजन की रीढ़ होगी।
तय शहरों के लिए अनुभवी परामर्शदाता, प्रकाशकों की संचालन समिति की सलाह पर ही नियुक्त किए जाएंगे। हर शहर के लिए एक परामर्शदाता होगें। इन अनुभवी परामर्शदाताओं को हर शहर में 12 कार्यशाला में नवोदित लेखकों के साथ समय बिताना होगा और उनकी लेखन कला को संवारना होगा। इन परामर्शदाताओं को सहभागी लेखकों को पांडुलिपि तैयार करने में मार्गदर्शन भी करना होगा। प्रकाशकों की संचालन समिति ये तय करेगी कि एक शहर से परामर्शदाता को कितनी प्रकाशन योग्य पांडुलिपि, दैनिक जागरण के पास भेजनी होगी। परामर्शदाता को दैनिक जागरण के साथ एक अनुबंध करना होगा कि वो इस कार्यक्रम और उसमें भाग लेने वालों के बारे में तीसरे पक्ष से जानकारी साझा नहीं करेंगे।
दैनिक जागरण प्रतिवर्ष लखनऊ में अभिव्यक्ति का उत्सव ‘संवादी’का आयोजन करता है। दैनिक जागरण सृजन के तहत ‘संवादी’के आयोजन के दौरान वहां कॉपीराइट बाजार लगाया जाएगा। इस कॉपीराइट बाजार में शामिल होने के लिए हिंदी के तमाम प्रकाशकों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि हिंदी के नए लेखन से उनका परिचय हो। जिस लेखक की पांडुलिपि उनको पसंद आएगी उसके प्रकाशन का अधिकार भी हासिल कर सकेंगे। दैनिक जागरण सृजन के इस कॉपीराइटट बाजार में लेखकों को प्रकाशकों के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर भी प्राप्त होगा। कॉपीराइट बाजार में शामिल होनेवाले लेखकों और उनकी कृतियों को लेकर दैनिक जागरण सृजन एक कैटलॉग का प्रकाशन करेगा जिसको सभी प्रकाशकों को दिए जाने की योजना है।
दैनिक जागरण के ‘हिंदी हैं हम’मुहिम के तहत ही दैनिक जागरण सृजन की इस योजना को लागू किया जाएगा । इसके अंतर्गत प्रकाशित पुस्तकों को ‘हिंदी हैं हम’के सभी मंच पर प्रोत्साहित किया जाएगा,ताकि लेखकों को ज्यादा से ज्यादा पाठक और प्रकाशक को अधिक से अधिक ग्राहक मिल सकें।
इन शहरों में हुआ दैनिक जागरण सृजन
दिल्ली, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, पटना, भागलपुर, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, हिसार, पानीपत, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, इंदौर, भोपाल, रायपुर