ई-संवादी
दुनियाभर की बोली पैसे देकर सीख सकते हैं, लेकिन मातृभाषा दादा-दादी, नाना-नानी की गोद ही सिखाती है: विनोद बछेती
नई दिल्ली: "हम दुनियाभर की बोली भाषा पैसे देकर सीख सकते हैं, लेकिन अपनी मातृभाषा को अपने दादा-दादी, नाना-नानी की गोद में ही सीख सकते हैं. हमें उत्तराखंडी बोली के साथ-साथ वहां के [...]
152वीं जयंती पर श्री अरबिंदो की आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का अवसर प्रदान करती फिल्म का विशेष प्रदर्शन
नई दिल्ली: प्रख्यात दार्शनिक और आध्यात्मिक नेता अरबिंदो घोष की 152वीं जयंती के उपलक्ष्य में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में फिल्म 'श्री अरबिंदो: बिगिनिंग आफ ए स्पिरिचुअल जर्नी' की विशेष स्क्रीनिंग की योजना है. [...]
हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने 1987 में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती से जुड़ा वादा ‘कवि-दिवस’ के रूप में निभाया
प्रयागराज: हिन्दुस्तानी एकेडेमी उत्तर प्रदेश प्रयागराज ने अपना लोकप्रिय 'कवि-दिवस कार्यक्रम आयोजित किया. यह कार्यक्रम राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जन्म जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया. इस अवसर पर सामाजिक सरोकारों [...]
भारतीय ज्ञान परंपरा और प्राचीन विरासत पर आधारित सामान्य ज्ञान की पुस्तक ‘संस्कृति बोध माला’ का विमोचन
मधुपुर: स्थानीय महेंद्र मुनि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान कुरुक्षेत्र द्वारा प्रकाशित 'संस्कृति बोध माला' पुस्तक का लोकार्पण हुआ. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य शिवनाथ झा, संस्कृति बोध परियोजना [...]
साहित्य और संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं; साहित्य के माध्यम से संस्कृति जन-जन तक पहुंचती है: मनमोहन शर्मा
सोलन: "साहित्य और संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं तथा साहित्य के माध्यम से संस्कृति जन-जन तक पहुंचती है." यह बात उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कही. शर्मा सिरमौर कल्याण मंच सोलन [...]
उनके लेखन में बहुलता और विविधता की आभा थी: मनोहर श्याम जोशी स्मृति व्याख्यानमाला में प्रो अनुपम जोशी
नई दिल्लीः "मनोहर श्याम जोशी मूलतः प्रश्नाकुल लेखक थे, जिन्होंने कभी साहस का साथ नहीं छोड़ा. आज के समय में लेखकों में उनकी तरह की भाषा में बड़ी बातों को लिखने का [...]