ई-संवादी
एक पल ही जियो फूल बनकर जियो, फूल बनकर ठहरना नहीं जिंदगी… श्रीपाल सिंह क्षेम की 102वीं जयंती मनी
जौनपुर: 'एक पल ही जियो फूल बनकर जियो, फूल बनकर ठहरना नहीं जिंदगी' जैसे गीतों के प्रणेता कवि साहित्य वाचस्पति डा श्रीपाल सिंह क्षेम की 102वीं जयंती पर विविध कार्यक्रमों [...]
पहले के तीन-चार सौ वर्षों में विचार ने इतिहास बदला, और अब तकनीक तेजी से दुनिया को बदल रही: हरिवंश
भोपाल: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा है कि 300-400 वर्षों में विचार ने इतिहास को बदला, लेकिन नब्बे के दशक के बाद 'तकनीक' ने दुनिया को बदला. हरिवंश स्थानीय [...]
राष्ट्रीय जिला न्यायपालिका सम्मेलन में राष्ट्रपति ने धर्म और न्याय को महाभारत और मुंशी प्रेमचंद की कहानी से समझाया
नई दिल्ली: "धर्म शब्द नैतिकतापूर्ण, आधारभूत नियामक सिद्धांतों के लिए प्रयुक्त होता है. 'धारणात् धर्म इत्याहु:, धर्मो धारयति प्रजा:' अर्थात जो सभी व्यवस्थाओं को धारण करता है यानी आधार देता [...]
हमारे पास रहने के लिए कोई दूसरा ग्रह नहीं: ‘विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली: "दुनिया, हमारा ग्रह, जलवायु परिवर्तन के कारण अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रहा है. हम न जीवित रहेंगे और न गलती करेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं कि [...]
ताकि दिव्यांग भी देख सकें सिनेमा, सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फीचर फिल्मों में सुगम्यता मानक लागू हो: महेश कुमार
नई दिल्ली: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के दिल्ली स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने लोधी रोड स्थित सीजीओ काम्प्लेक्स में पंडित दीनदयाल अंत्योदय भवन में एक संवाद सम्मेलन का आयोजन किया. इस [...]
डा विष्णु किशोर झा बेचन ने नीरस समझी जाने वाली साहित्यलोचना को सरसता प्रदान की: डा अनिल सुलभ
पटना: "बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डा विष्णु किशोर झा बेचन आलोचना साहित्य के विद्वान थे. उन्होंने नीरस समझी जाने वाली साहित्यलोचना को [...]