ई-संवादी
मंच पर उतरे लोकगीतों के विविध रंग
जासं, गोरखपुर : साहित्य, मनोरंजन, कला, रचनाधर्मिता, इतिहास आद गंभीर विषयों से होता हुआ जागरण संवादी के विमर्श का मंच जब पहले दिन के अंतिम व सातवें सत्र में पहुंचा तो लोकगीतों के विविध रंग [...]
यूपी वालों संभल जाओ, बंटोगे तो कटोगे
उमेश पाठक l जागरण गोरखपुर : राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता पवन मल्होत्रा के साथ बातचीत का सत्र रोमांच से भरा रहा। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में दैनिक जागरण की ओर [...]
’माना कि सफर मुश्किल है, मगर भागो मत…
सुधांशु त्रिपाठीl जागरण गोरखपुर : शहर-ए-फिराक में रचनाधर्मिता की स्वस्थ, सचेत और समर्थ परंपरा रही है। रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी और जफर गोरखपुरी से लगायत प्रो.परमानंद श्रीवास्तव और देवेंद्र आर्य तक [...]
अब अपराध नहीं शिक्षा के केंद्र से गोरखपुर की पहचान
अरुण चन्द l जागरण गोरखपुर: चार दशक में ही कैसे गोरखपुर ने अपराध और अनजाने डर के माहौल वाली अपनी पहचान बदलकर शिक्षा के बड़े केंद्र के तौर पर नई पहचान बनाई। [...]
साहित्य, संस्कृति और आध्यात्म, हर रंग से सराबोर है गोरक्षनगरी
डा. राकेश राय, जागरण गोरखपुर : एक ऐसा शहर जिसने सबको अपना बनाया और सबके लिए अपना बन गया। जो भी यहां आया, यहीं का होकर रह गया। इस शहर ने हर [...]
युवा प्रतीक्षा नहीं करता, ढूंढ़ लेता है अपनी चाहत का साहित्य
प्रभात कुमार पाठकl जागरण गोरखपुर: ‘तुमने जहां प्रेम लिखा है, वहां सड़क लिख दो...मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता, हमारे युग का मुहावरा है’। युवा अपनी चाहत का साहित्य ढूंढ़ लेता है। संचार क्रांति [...]