ई-संवादी
देश-विभाजन के संदर्भ में आपसी प्रेम एवं मेलजोल पर साहित्य की कमी: नौवें अमृतसर साहित्य उत्सव में डा रवि रविंद्र
अमृतसर: "देश का विभाजन एक दुखद घटना थी, जिसने सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं आर्थिक ताने-बाने को बहुत हद तक प्रभावित किया. यह एक धूर्त राजनीतिक चाल थी, जिसके आधार पर दोनों पक्षों के कुछ परस्पर [...]
गांधी से प्रभावित वीरेंद्र कुमार भट्टाचार्य की लेखनी में अपने परिवेश व आम आदमी के संघर्ष हमेशा आते रहे: निर्मलकांति भट्टाचार्जी
नई दिल्ली: असमिया के प्रख्यात लेखक एवं साहित्य अकादेमी के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार भट्टाचार्य की जन्मशतवार्षिकी के अवसर पर साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित दो-दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन प्रथम [...]
सनातन राष्ट्रधर्म और भारतीयता का प्रतिबिंब; यह हमको दृढ़, एक और मजबूत रहने की सीख देता है: उपराष्ट्रपति धनखड़
बनारस: "सनातन राष्ट्रधर्म और भारतीयता का प्रतिबिंब है. हमें सदैव याद रखना चाहिए कि हम भारतीय हैं और हमें भारत में अटूट विश्वास है! राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है. किसी भी परिस्थिति में [...]
साहित्य अकादेमी ने प्रेमचंद महत्तर सदस्यता बांग्ला देश के लेखक और अनुवादक सफिकुन्नबी सामादी को अर्पित की
नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी ने अपनी प्रतिष्ठित प्रेमचंद महत्तर सदस्यता बांग्ला देश के प्रख्यात लेखक और अनुवादक प्रोफेसर सफिकुन्नबी सामादी को अर्पित की. साहित्य अकादेमी के तृतीय तल स्थित सभाकक्ष [...]
ओड़िशा की कला, साहित्य और संगीत को बढ़ावा देने में उत्कल केशरी डा हरेकृष्ण महताब का विपुल योगदान: राष्ट्रपति मुर्मु
नई दिल्ली: "डा हरेकृष्ण महताब एक दूरदर्शी नेता थे. वे जानते थे कि केवल कायिक विकास ही पर्याप्त नहीं बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता भी आवश्यक है." राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राजधानी में उत्कल [...]
भारतीयता हमारी पहचान, शिक्षा समाज में समानता को बढ़ावा देती है और असमानता को समाप्त करती है: उपराष्ट्रपति धनखड़
झुंझुनू: "भारत जैसा दूसरा देश दुनिया में नहीं है, 5000 साल का इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, ज्ञान का खजाना, भंडार कोई दूसरा देश नजदीक तक नहीं आता है. वेद, उपनिषद, पुराण, क्या ज्ञान के भंडार हैं! कोई ऐसा विषय [...]