ई-संवादी
साहित्य समाज के दबे-कुचले मुद्दों को सामने लाता है: ‘समकालीन चुनौतियां और साहित्य’ विषयक व्याख्यान में ममता कालिया
पटना: स्थानीय बिहार संग्रहालय में आयोजित 'उदयोत्सव' समारोह में साहित्य की विविध विधाओं के प्रतिष्ठित लेखकों, रचनाकारों और लेखकों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन नई धारा पत्रिका के [...]
हमारा संविधान जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज, जिसमें समय के अनुसार नए विचारों को अपनाने की व्यवस्था है: राष्ट्रपति मुर्मु
नई दिल्ली: "हमारा संविधान, हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की सुदृढ़ आधारशिला है. हमारा संविधान, हमारे सामूहिक और व्यक्तिगत स्वाभिमान को सुनिश्चित करता है." राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संविधान दिवस के अवसर [...]
हिंदी साहित्य आस्थावाद से मार्क्सवाद, अस्तित्ववाद, तर्क विज्ञान को पार करते हुए उत्तर आधुनिक काल तक पहुंचा: प्रो एन मोहन
समराला: "हिंदी साहित्य में उत्तर आधुनिक काल एक विमर्श का समय रहा है, जिसमें समाज द्वारा हाशिए पर धकेले गए लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए प्रयासरत रहे. इस [...]
ओड़िशा हमेशा से ऐसे संतों और विद्वानों की धरती, जिन्होंने लोकभाषा में हमारे धर्मग्रन्थों को घर-घर पहुंचाया: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली: ओड़िशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है. सरल महाभारत, ओड़िआ भागवत... हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहां के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस [...]
आयुर्वेद में वर्णित मानव प्रकृति की अवधारणा शोध के आधार पर वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध है: केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव
नई दिल्ली: "आयुर्वेद में वर्णित प्रकृति की अवधारणा, जीनोमिक्स विज्ञान- जीनोम की संरचना, कार्य एवं अनुक्रमण का अध्ययन और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए दो दशकों के [...]
भारत की सांस्कृतिक शक्ति आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में हमें एक अलग बढ़त प्रदान करती है: संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री शेखावत
नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बात पर बल दिया है कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में एक अलग बढ़त [...]