जासं, नई दिल्ली: स्वाधीनता के अमृत महोत्सव वर्ष में आयोजित दैनिक जागरण अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा कर दी गई है। तीन श्रेणी के छात्रों को सवा 5 लाख रुपए के नकद पुरस्कार के अलावा प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। शोध छात्रों की श्रेणी में एक लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार दिल्ली के आदित्यनाथ तिवारी को, पचहत्तर हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार औरंगाबाद, बिहार के आलोक रंजन को, पचास हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार लखनऊ, उत्तर प्रदेश के आनंद कुमार सिंह को और पच्चीस हजार का सांत्वना पुरस्कार देवरिया, उत्तर प्रदेश के आशुतोष मणि त्रिपाठी को दिया जाएगा। स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों की दूसरी श्रेणी में पचहत्तर हजार रुपए का पहला पुरस्कार कुरुक्षेत्र, हरियाणा के सरताज सिंह को मिलेगा। वहीं पचास हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार 24 परगना, बंगाल की सुपर्णा पात्रा को, पच्चीस हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार दिल्ली की निधि यादव को और पंद्रह हजार रुपए का सांत्वना पुरस्कार सीतापुर, उत्तर प्रदेश के विकास मिश्रा को दिया जाएगा।
तीसरी श्रेणी नवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों की है। इस श्रेणी में पचास हजार रुपए का प्रथम पुरस्कार दुर्ग, छत्तीसगढ़ की वृद्धि शर्मा को, तीस हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार देहरादून, उत्तराखंड के गगन सैनी को, बीस हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार दिल्ली की प्रिया और दस हजार रुपए का सांत्वना पुरस्कार जबलपुर, मध्यप्रदेश के आर्यन शर्मा को दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी, दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य प्रोफेसर संजीव तिवारी और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निशांत जैन थे।
गौरतलब है कि स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर दैनिक जागरण ने अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया था। ये आयोजन दैनिक जागरण का अपनी भाषा हिंदी को समृद्ध करने के उपक्रम ‘हिंदी हैं हम’ के तहत किया गया था। इस निबंध प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में हिंदी लेखन का विकास करना है। ‘दैनिक जागरण लेखन’ के नाम से किए गए इस आयोजन में देश भर के करीब तीन हजार छात्रों ने भाग लिया था। निबंध प्रतियोगिता में स्वाधीनता, भारत और भारतीयता से जुड़े विषयों पर लेख आमंत्रित किए गए थे। अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता में सहयोगी रही कोलकाता की हिंदी सेवी संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन और श्री सीमेंट।