लखनऊ: 'सहरा पे बुरा वक्त मेरे यार पड़ा है, दीवाना कई रोज से बीमार पड़ा है.' दुआओं की गुजारिश. मशहूर शायर मुनव्वर राना का अस्पताल के बिस्तर से यह ट्वीट सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है. वह बीमार हैं और उन्हें सांस फूलने और सीने में दर्द की शिकायत के बाद मंगलवार देर रात लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है. उन्हें कॉर्डियॉलाजी वॉर्ड में रखा गया है. कार्डियोलोजी विभाग के प्रो सुदीप कुमार ने मीडिया को बताया कि उनके स्वास्थ्य की जांच की गई, जिसके बाद पता चला कि मधुमेह के कारण उनके गुर्दो पर असर हुआ था और उनके शरीर में सूजन आ गई थी. उनका रक्तचाप भी बढ गया था. उनका उपचार किया जा रहा है और वह डाक्टरों की निगरानी में है. फिलहाल उन्हें अभी दो तीन दिन पीजीआई के कार्डियोलोजी विभाग में ही रखा जाएगा. अभी उनकी कुछ और जांच की जाएंगी
बाद में सोशल मीडिया पर अपने स्वास्थ्य के बारे में शुभचिंतकों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, 'आप सभी चाहने वालों की मोहब्बत और दुआओं की बदौलत हमारी सेहत में काफी सुधार है. अभी अफसोस करने की जरूरत नहीं है. मैं जिंदा हूं..' शायर मुनव्वर राना की अब तक एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें प्रमख हैं, माँ, ग़ज़ल गाँव, पीपल छाँव, बदन सराय, नीम के फूल, सब उसके लिए, घर अकेला हो गया, कहो ज़िल्ले इलाही से, बग़ैर नक़्शे का मकान, फिर कबीर, नए मौसम के फूल शामिल है. इनके द्वारा रचित एक कविता शाहदाबा के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. हालांकि उन्होंने अवॉर्ड वापसी वाले दौर में अकादमी को यह पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी, जिसके लिए अवॉर्ड वापसी गैंग का सदस्य कह उनकी आलोचना भी हुई थी.