नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के हिंदी अकादमी सम्मान समारोह में साहित्य, शिक्षा और समाज उत्थान के क्षेत्र से जुड़े लोगों को कमानी सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हिंदी अकादमी की ओर से पिछले चार-पांच सालों से यह कोशिश रही है कि सरकार साहित्य और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा दे. हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. इस कार्यक्रम के दौरान हिंदी साहित्यकार और आलोचक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी को 2018-19 शलाका सम्मान से नवाजा गया। विश्वनाथ त्रिपाठी एक विरल गद्यकार, स्मृति आख्यानकार, जीवनीकार, आत्मकथाकार, कवि और निबंधकार भी हैं. इनके साथ ही हिंदी अकादमी के ‘शिखर सम्मान’ से लेखिका, संपादक, अर्थशास्त्री और समाजसेविका शीला झुनझुनवाला को नवाजा गया.
‘विशिष्ट योगदान’ सम्मान से साहित्यकार सुधाकर बाबू पाठक को पुरस्कृत किया गया. काव्य सम्मान के लिए माणिक वर्मा, गद्य विद्या सम्मान के लिए डॉ. श्यौराज सिंह बैचेन, ज्ञान प्रौद्योगिकी सम्मान के लिए डॉ. यतीश अग्रवाल, बाल साहित्य सम्मान के लिए घमंडी लाल अग्रवाल, नाट्य सम्मान के लिए राधावल्लभ त्रिपाठी, हास्य व्यंग्य सम्मान के लिए वरुण ग्रोवर, अनुवाद सम्मान के लिए हरजेंद्र चौधरी, पत्रकारिता सम्मान के लिए सुप्रिय प्रसाद और सहभाषा सम्मान के लिए डॉ. पृथ्वी सिंह को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सलिल चतुर्वेदी को हिंदी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया. यह सम्मान मनीष सिसोदिया द्वारा उनकी काव्य पुस्तक 'य र ल व श स ह' के लिए दिया गया. सलिल चतुर्वेदी ने कहा कि यह समाज के हित में है कि साहित्यकारों की आवाजें जनता तक पहुंचें. हिंदी अकादमी के इस पुरस्कार श्रृंखला के माध्यम से निश्चय ही पाठक, समकालीन लेखकों और कवियों की रचनाओं से अवगत होते रहेंगे.