नई दिल्लीः राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत में हिंदी पखवाड़ा मना रहा है. इस अवसर पर न्यास ने न केवल अपने कर्मचारियों के लिए विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, बल्कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं की किताबों की बिक्री पर विशेष छूट की व्यवस्था की. न्यास की किताबों की प्रदर्शनी पश्चिम बंगाल और बिहारशरीफ में लगी है तो सचल पुस्तक प्रदर्शनी गुजरात के सुदूर इलाकों के साथ राजधानी दिल्ली के स्कूलों में घूम रही है. न्यास ने किताबों की बिक्री बढ़ाने के लिए पूरे सितंबर माह के दौरान न्यास की हिंदी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों पर 20% की विशेष छूट की घोषणा भी की है. न्यास के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा के अनुसार देश में पुस्तक संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए न्यास दिल्ली सहित अपने सभी सातों पुस्तक प्रोन्नयन केंद्र पर किताबों की बिक्री के लिए विशेष छूट प्रदान करेगा. 

 

इस बीच बिहारशरीफ के नालंदा कॉलेज में किताबों की बिक्री के लिए लगाए गए मेले का उद्घाटन सांसद कौशलेंद्र कुमार ने किया और कहा कि यह धरती ज्ञान पिपाषुओं की धरती रही है, जहां आज भी ज्ञान की भूख है. यह जिले के लिए सम्मान की बात है कि न्यास ने शिक्षक दिवस से शुरू हुए इस मेले के लिए इसे चुना. उन्होंने लोगों से पुस्तक मित्र बनने का आह्वान किया. एमएलसी रीना यादव का कहना था कि पुस्तकों के प्रति जैसा प्रेम वह छात्र जीवन में महसूसती थी, अब भी बरकरार है. अच्छी पुस्तकें सदा राह दिखाती हैं. यह सर्वोन्मुखी विकास का हेतूभूत हैं, ये न केवल जीवन को संवारती हैं, बल्कि इनसे जीवन में आनंद भरता है. विधायक चंद्रसेन ने किताबों की मार्फत अपने जीवन को ज्ञान से सजाने की सलाह दी,ताकि अंधकार कोसों दूर चला जाए. बिहार मगही अकादमी के सचिव उदय शंकर शर्मा ने पुस्तकों को सच्चा मित्र बताते हुए कहा कि वक्त चाहे जैसा हो, किताबें कभी साथ नहीं छोड़तीं. एनबीटी के पटना पुस्तक प्रोन्नयन केंद्र के प्रभारी डॉ कमाल अहमद ने न्यास की तरफ से इस मेले पर प्रकाश डालते हुए  कहा कि मेले में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, भोजपुरी तथा मैथिली भाषा की उत्कृष्ट पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिनपर विशेष छूट उपलब्ध है. इस मौके पर नालंदा कॉलेज के प्राचार्य शैलेंद्र कुमार, जदयू की प्रदेश महासचिव सफक बानो सहित स्थानीय साहित्यकार, भारी संख्या में छात्र और पुस्तकप्रेमी मौजूद थे..