नई दिल्‍ली: राजधानी के  प्रगति मैदान में 25वां दिल्ली पुस्तक मेला लगा है. यह मेला 11 सितंबर से 15 सितंबर तक चलेगा. इसका आयोजन फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स और आईटीपीओ ने मिलकर किया है. महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर पुस्तक मेले की विषय-वस्‍तु उन्‍हें समर्पित की गई है. सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे ने मेले में प्रकाशन विभाग के स्टॉल का उद्घाटन किया. इस अवसर पर  खरे ने प्रकाशन विभाग की पांच पुस्‍तकों का विमोचन भी किया. इस अवसर पर राष्‍ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए.अन्‍नामलाई भी मौजूद थे. सचिव ने हिन्‍दी और अंग्रेजी के अलावा अनेक भारतीय भाषाओं में महान विभूतियों के जीवन परिचय से जुड़ी पुस्‍तकें प्रकाशित कर लोगों को उनके करीब लाने के लिए प्रकाशन विभाग के प्रयासों की सराहना की. अमित खरे ने इंटरनेट के युग में पुस्‍तकों की फलती-फूलती  संस्‍कृति की चर्चा करते हुए कहाहालांकि इंटरनेट सूचना का खजाना हैलेकिन पुस्‍तकें ज्ञान प्रदान करती है. गांधीवादी विचारों पर पुस्‍तकों का एक प्रमुख प्रकाशक होने के नातेप्रकाशन विभाग ने प्रिंट और ई-संस्‍करण में महात्‍मा गांधी शीर्षक की एक श्रृंखला प्रदर्शित की है.

प्रकाशन विभाग का स्‍टॉल प्रगति मैदान में हॉल नंबर-7 के सामने है. जिन पुस्तकों का विमोचन हुआ वे हैंकस्तूरी परिमललेखक डॉ. विश्वास पाटिल. 1921 के असहयोग आंदोलन की झांकियां : पूर्व राष्ट्रपति श्री वी.वी. गिरि द्वारा लिखित प्रस्तावना के साथइस पुस्तक में डॉ. ताराचंदश्री प्रकाशकमलादेवी चट्टोपाध्यायकाका कालेलकरआरआर दिवाकरहरिभाऊ उपाध्याय और डॉ. हरेकृष्ण मेहता सहित अनेक जाने-माने बुद्धिजीवियोंस्वतंत्रता सेनानियों और पत्रकारों के आलेख हैं. हिंदी और उर्दू में गांधी कथा नामक एक ग्राफिक उपन्यास है. गुजराती में  सत्याग्रह में महिलाएँ. राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की पूर्व अध्‍यक्ष प्रो. अपर्णा बसु द्वारा मूल रूप से अंग्रेजी में लिखित पुस्‍तक का अनुवाद प्रोफेसर वर्षा दास ने गुजराती में किया है. महात्मा को श्रद्धांजलि: आकाशवाणी श्रद्धांजलि अब तमिल  में छपी है. पहले यह पुस्तक अंग्रेजी में प्रकाशित की गई थी.