मेरठः संस्कार भारती से संबद्ध स्वामी विवेकानन्द इकाई ने स्थानीय केशव भवन में एक भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें नगर के कई जानेमाने साहित्यकार, लेखक, कवि और पत्रकार मौजूद थे. इस अवसर पर संस्कार भारती से जुड़े अनिरूद्ध गोयल, डॉ जयभगवान सिंह, रमन त्यागी, सुनील शर्मा ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर काव्यगोष्ठी का शुभारंभ किया. कवयित्री सुषमा सवेरा ने मां सरस्वती की वंदना करते हुए एक गीत सुनाया कि तू भक्ति है, तू शक्ति है, तू मन भी है तू प्राण भी.' कवि गुरचरण सिंह दुग्गल ने मां की ममता पर लिखी कविता, ‘बूढ़ी हो गई है तेरी परवरिश में जो आंखें, उमर की इस घड़ी में उन्हें रूलाना ठीक नहीं' सुनाकर लोगों को भावुक कर दिया. कवि सुदेश दिव्य ने करवा चौथ पर अपनी बात को कुछ इस अंदाज में कहा शब्द हूं मैं अगर उसका तुम अर्थ हो, मेरे जीवन की तुम ही तो सामर्थ्य हो. चांद तुम हो स्वयं मैं तेरा आईना, खोलो व्रत चौथ का क्यों समय व्यर्थ हो' सुनाकर खूब वाहवाही लूटी.
इस अवसर पर कवि वीरेन्द्र अबोध ने हमारी हालत बिगड़ रही है या देश की ही हालत खस्ता है….' से राजनीति पर कटाक्ष किया. कवि ध्रुव श्रीवास्तव ने कहा, ‘शुष्क अधरों पे मुस्कान मिल जायेगी, मन को संतुष्टि की खान मिल जायेगी'. कवि जगतवीर त्यागी ने एक से बढ़कर एक जगत में दिखती सुंदर नारी है, किन्तु उसको समझो सुंदर जो साजन को प्यारी है …' सुनाकर वाहवाही लूटी. कवि राम अवतार त्यागी ने हर सवाल का जवाब होता है, जवाब बिना सवाल क्या है' से ध्यान खींचा. कवि जगदीश प्रसाद ने समय की महत्ता, ‘समय अमूल्य धरोहर है, निकल गया तो क्यों पछताते हो' कविता सुनाकर बताई. कवि धर्मपाल आर्य वेदपथिक ने लेख लेखनी से सबके लिखे जाएंगे, कोई भी इस जगत में फल से न बच पाएंगे' से यथार्थ को बताया. डॉ अनीता त्यागी ने मेरे देश के सपूतों मेरे देश को बचाना' सुनाकर माहौल देशभक्तिमय कर दिया. कवि विनेश कौशिक, राजेश्वर घायल, जेपी गुप्ता, विमल ग्रोवर, मनमोहन भल्ला, प्रवीण तोमर, उषा रानी, डोरी लाल भास्कर आदि ने भी कविता पाठ किया. संचालन व संयोजन डा. सुदेश दिव्य ने किया. कार्यक्रम में अनिरूद्ध गोयल, कपिल त्यागी, विनेश कौशिक, आर्यन यादव, डॉ. एसके शर्मा, कविता कुसुमाकर, सुषमा सवेरा, श्याम सुन्दर शर्मा, ललित कपूर आदि रहे.