जम्मू: स्थानीय अमर सिंह क्लब जम्मू में आयोजित एक समारोह में साहित्यकार डॉ ओम गोस्वामी और मास्टर ध्यान सिंह को वर्ष 2020 और 2021 के लिए दीनू भाई पंत मेमोरियल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया. श्री दीनू भाई पंत मेमोरियल ट्रस्ट और डोगरी संस्था जम्मू की ओर से यह पुरस्कार हर वर्ष डोगरी के किसी सम्मानित साहित्यकार को दिया जाता है. डॉ ओम गोस्वामी और मास्टर ध्यान सिंह से पहले यह पुरस्कार पद्मा सचदेव, वेद राही और नरसिंह देव जम्वाल को दिया जा चुका है. चूंकि 2020 का समारोह कोविड 19 महामारी के चलते आयोजित नहीं किया जा सका था, इसलिए इस वर्ष दोनों विजेताओं के लिए एक ही पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया. इस पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हाई कोर्ट जम्मू के न्यायाधीश संजीव कुमार थे. कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि पंडित दीनू भाई पंत ने अपने साहित्यिक योगदान से डोगरी भाषा और डोगरी साहित्य को बहुत समृद्ध किया. उनकी याद में इस सम्मान के जरिए गणमान्य साहित्यकारों को पुरस्कृत करने की भूमिका निभाकर उनका परिवार और डोगरी संस्था सराहनीय काम कर रही है. उन्होंने इस अवसर पर इस बार के पुरस्कार विजेता डॉ ओम गोस्वामी और ध्यान सिंह को बधाई देते हुए कहा की डोगरी भाषा में वाकई महान लेखक हुए हैं. जिनके कार्यों को सराहा जाना चाहिए. उन्होंने अपनी मातृभाषा को घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान भी किया.
स्वागत भाषण में डोगरी संस्था जम्मू के अध्यक्ष प्रो ललित मगोत्रा ने दीनू भाई पंत जी की डोगरी साहित्य को देन के बारे में विस्तार से बताते हुए इस पुरस्कार की महत्ता के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि पंडित दीनू भाई पंत 1940 के दशक में डोगरी साहित्य के क्षितिज पर जब उभरे तब डोगरी भाषा की कोई अच्छी स्थिति नहीं थी. लेकिन उन्होंने अपनी सुप्रसिद्ध कविता 'शहर पैहलो पैहल गए' से क्रांतिकारी परिवर्तन लाया. इसके बाद तो वे लेखक जो दूसरी भाषा में लिखते थे, वे भी अपनी मातृभाषा में लिखने को प्रेरित हुए. इस अवसर पर उन्होंने पंत की एक कविता का पाठ करके उन्हें श्रद्धांजलि दी. पंडित दीनू भाई पंत की बेटी रतन प्रभा शर्मा ने अपने पिता की स्मृतियों को संजोते हुए कहा कि उनके पिता ने हमेशा से डोगरी साहित्य को शिखर पर ले जाने के लिए प्रयास किया. वह अपने साहित्य सृजन के साथ अपने व्यक्तित्व का भी विकास करते हुए एक अच्छे पिता के कर्तव्यों का निर्वाह भी पूरी ईमानदारी से किया. पुरस्कृत साहित्यकारों डॉ ओम गोस्वामी और मास्टर ध्यान सिंह पर प्रशस्ति पत्र डोगरी संस्था की उपाध्यक्ष प्रो. वीणा गुप्ता ने पढ़े. संस्था और ट्रस्ट की तरफ से पुरस्कृत साहित्यकारों को शाल, प्रशस्ति पत्र, मेडल और 51 हजार रुपए की नकद राशि भी दी गई. कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद हिंदी, अंग्रेजी और डोगरी के लेखक तथा कला समीक्षक राजेश्वर सिंह राजू ने किया.

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