आराः हर प्रसाद दास जैन स्कूल में हिन्दी के साहित्यकार डॉ लक्ष्मीकांत सिन्हा की सद्य: प्रकाशित काव्य कृति 'कहां से दे पाऊंगा इन्द्रधनुष' का लोकार्पण हुआ. उद्घाटन वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय कुलपति प्रो डॉ केसी सिन्हा, कुलसचिव डॉ धीरेन्द्र कुमार सिंह, आदिनाथ ट्रस्ट के सचिव कमल कुमार जैन, डॉ रामबहादुर शर्मा, डॉ केएन सिन्हा और प्रॉक्टर डॉ ओपी राय ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ पशुपति नाथ सिंह, मंच संचालन प्रो डॉ रणविजय कुमार, विषय प्रवेश शिक्षक बीडी सिंह और धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य शेखर प्रसाद सिंह ने किया. कुलपति सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अपने-अपने सपने होते हैं. सभी का अरमान होता हैं कि उनका जीवन सात रंगों से आच्छादित इन्द्रधनुषी हो. लक्ष्मी बाबू का जीवन इंद्रधनुषी था. उन्होंने कहा कि मेरा कर्म एवं जन्म दोनों भूमि आरा रहा है. इस मंच से मुझे स्वीकार करते हुए जरा सी भी हिचकिचाहट नहीं हो रही है कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का सत्र अपडेट नहीं है. आप सभी का यदि सहयोग मिले तो जरूर सत्र को पटरी पर लाने का प्रयास करूंगा.
कुलसचिव ने धीरेन्द्र कुमार कहा कि यह क्षण हमारे लिए अनुकरणीय है. समाज को एक दशा एवं दिशा देने के लिए इस तरह की परिचर्चा होनी चाहिए. मुख्य वक्ता प्रो जंगबहादुर पाण्डेय ने कहा कि प्रो लक्ष्मीकांत सिन्हा एक प्रबुद्ध शिक्षाविद एवं प्रख्यात उपन्यासकार थे. भरत सिंह सहयोगी ने कहा कि साहित्य और शिक्षा की यह ज्योत जलती रहनी चाहिए. इस अवसर पर डॉ लक्ष्मीकांत सिन्हा के साहित्यिक और शैक्षणिक योगदान के साथ ही इस क्षेत्र में उनके किए गए योगदान को शिद्दत से याद किया गया. कार्यक्रम में असम के प्रधान सचिव समीर सिन्हा, आईआईटी मद्रास के प्रो संजय कुमार, प्रो नवनीत कुमार राय, डॉ नीलाम्बुज सिंह, माधुरी सिन्हा, राहुल कुमार सिंह, शैलेंद्र जैन, बीडी सिंह, पर्यावरण प्रेमी आनंद, शैल कुमार जैन, डॉ रविशंकर सिंह गौरव कुमार सिंह, दिव्यांशु मिश्रा, आनंद कुमार, सचिन कुमार, सौरभ कुमार, प्रीतम कुमार सिंह एवं सुरेश बहादुर सहित भारी संख्या में शिक्षाविद, साहित्यकार, पत्रकार और साहित्य प्रेमी उपस्थित थे.