जयपुर: प्रसिद्ध लेखिका इतिहासकार डॉ रक्षंदा जलील को 5वें वाणी फ़ाउंडेशन विशिष्ट अनुवादक पुरस्कार से नवाजा गया. जेएलएफ के साथ आयोजित होने वाले जयपुर बुकमार्क के दौरान डिग्गी पैलेस के दरबार हॉल में वाणी प्रकाशन और जयपुर बुक मार्क तथा टीमवर्क आर्ट्स के सहयोग से उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया. पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि के साथ वाणी प्रकाशन ग्रुप का सम्मान चिन्ह दिया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारत में नॉर्वे के राजदूत एचई हैंस जैकब फ्राइडनलंड और अभिनेत्री, राजनीतिज्ञ और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की  सदस्य वाणी त्रिपाठी टिक्कू मौजूद थीं. पुरस्कार के निर्णायक मंडल की सदस्य और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की संस्थापक और सह-निदेशक नमिता गोखले, जयपुर बुक मार्क की निदेशक नीता गुप्ता और लेखक, सांस्कृतिक आलोचक संदीप भूतोड़िया भी मौजूद थे.
रक्षंदा जलील प्रखर लेखक, आलोचक और साहित्यिक इतिहासकार हैं. इन्होंने तीन लघु कथाओं और आठ अनुवाद पुस्तकों का सम्पादन किया है. रक्षंदा जलील ने प्रोग्रेसिव राइटर्स मूवमेंट एज रिफ्लेक्टेड इन उर्दू' पर पीएच.डी. की. इनके कामों में नारीवादी लेखिका डॉ. राशिद जहाँ की आत्मकथा और इन्तज़ार हुसैन की लघुकथाओं का एक अनुवाद शामिल है. इनका निबन्ध संग्रह इनविज़िबल सिटीजोकि दिल्ली के प्रसिद्ध स्मारकों पर आधारित है, पाठकों द्वारा बहुत पसन्द किया गया है. वह हिन्दुस्तानी आवाज़के नाम से एक संस्था चला रही हैं, जो हिन्दू-उर्दू साहित्य एवं संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के लिये समर्पित है. याद रहे कि वाणी फ़ाउंडेशन का यह पुरस्कार विशेष रूप से उन अनुवादकों को दिया जाता है जिन्होंने निरन्तर लेखन व अनुवाद के माध्यम से साहित्यिक समृद्धि के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है. यह पुरस्कार अनुवादक व लेखक के लिए एक सार्वजनिक मंच तैयार करता है.