नागपुर: विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के मोर भवन सभागार में नागपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. मिथिलेश अवस्थी के नए लघुकथा संग्रह का लोकार्पण संपन्न हुआ. इस संकलन को विश्व हिंदी साहित्य परिषद ने प्रकाशित किया है. डॉ. मिथिलेश अवस्थी प्रखर कवि होने के साथ-साथ समर्थ आलोचक और लघुकथा के क्षेत्र में एक सशक्त हस्ताक्षर के रूप में जाने जाते हैं. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध लेखक एवं विद्वान डॉ ओम प्रकाश मिश्र ने की, वहीं प्रमुख अतिथि के रूप में संपादक संजय तिवारी मंच पर उपस्थित थे. मुख्य वक्ता के रूप में नागपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ वीणा दाढ़े ने शिरकत की. विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता के रूप में  आशीष कंधवे उपस्थित था.
लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर लघुकथाओं के वर्तमान और भविष्य में होने वाले बदलाव पर सार्थक चर्चा हुई, जिससे वहां उपस्थित लेखकों, रचनाकारों और श्रोताओं को लघुकथा की महत्ता का वर्तमान में क्या परिदृश्य है, के बारे में जानकारी मिली. इस अवसर पर नागपुर के कई सुप्रसिद्ध रचनाकार भी सभागार में उपस्थित थे, जिनमें उषा अग्रवाल पारस, कृष्ण नागपाल, आरती सिंह एकता, डॉ इंदिरा किसलय, रचना सिंह, कमलेश चौरसिया आदि शामिल हैं. वक्ताओं ने यह माना कि इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल लेखकों, रचनाकारों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि साहित्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे अंततः भाषा और समाज को मजबूती मिलती है.