जागरण बेस्टसेलर की कथेतर श्रेणी की सूची में इसबार कई नयी किताबों को जगह मिली है। वरिष्ठ और युवा दोनों प्रकार के लेखकों की किताबों ने अबकी इस इस श्रेणी की बेस्टसेलर में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। ख़ास बात है कि इसमें कई राजनीतिक पुस्तकें भी शामिल हैं। वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की दो राजनेताओं की जीवनियाँ ‘हार नहीं मानूंगा: एक अटल जीवनगाथा’ और ‘यदा यदा हि योगी’ ने इस सूची में क्रमशः पहला और छठा स्थान हासिल किया है। पहली किताब स्वर्गीय अटल बिहार वाजपेयी के राजनीतिक जीवन का दस्तावेज है, वहीं ‘यदा यदा हि योगी’ अजय सिंह बिष्ट के योगी आदित्यनाथ बनने की पूरी यात्रा को प्रस्तुत करती है। इन दोनों ही पुस्तकों ने हाल के दिनों में काफी चर्चा बटोरी है।
वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की हाल ही में आई और काफी चर्चित हुई पुस्तक ‘युद्ध में अयोध्या’ को नौवां स्थान मिला है। इस किताब में अयोध्या विवाद के पूरे इतिहास का अत्यंत शोधपूर्ण और प्रामाणिक ढंग से प्रस्तुत करने का दावा किया गया है । इस सूची में उल्लेखनीय कृति बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा की पुस्तक ‘मौन मुस्कान की मार’ भी है, जिसे दसवां स्थान मिला है। ये एक व्यंग्य–संग्रह है, जिसमें व्यवस्था की प्रतिकूलताओं पर तंज़ किया गया है।
युवा लेखक नीरज मुसाफिर का यात्रा–वृतांत ‘हमसफ़र एवरेस्ट’, जो जनवरी–मार्च की बेस्टसेलर सूची का हिस्सा रहने के बाद अप्रैल–जून की सूची में बाहर हो गया था, ने पुनः वापसी करते हुए सातवाँ स्थान हासिल किया है। इसमें लेखक ने अपनी हिमालय यात्रा का वर्णन किया है। जागरण बेस्टसेलर सूची में पुनः स्थान प्राप्त करने पर नीरज का कहना है, ‘जागरण की बेस्टसेलर लिस्ट वाकई लेखन में जान फूँक देती है। बेस्ट का अर्थ ही है सबसे अच्छा। इस लिस्ट में आने के बाद स्वतः ही प्रेरणा मिलती है इससे भी अच्छा लिखने की। इससे पाठकों को भी सर्वोत्तम किताबें चयन करने का मौका मिलता है और लेखकों के लिए तो इससे अच्छा कुछ है ही नहीं।’ इस श्रेणी में भी हिन्दयुग्म अपनी सर्वाधिक तीन पुस्तकों के साथ अव्वल साबित होता है।
पीयूष द्विवेदी