दैनिक जागरण बेस्टसेलर की कविता श्रेणी में कई नयी किताबों ने जगह बनाई है। कई मशहूर शायरों की किताबें इस श्रेणी में मौजूद हैं। शायरी सुनाने का अपना एक अनूठा अंदाज रखने वाले मशहूर शायर राहत इन्दौरी के दो ग़ज़ल संग्रहों ‘नाराज़’ और ‘दो कदम और सही’ क्रमशः पहले और तीसरे स्थान पर काबिज हैं। हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर का संग्रह ‘लावा’ तीसरे तो प्रतीकों के हवाले से बड़ी–बड़ी बातें अपनी शायरी में कह देने वाले वसीम बरेलवी की किताब ‘चराग’ पांचवे पायदान पर मौजूद हैं। गुलजार की ‘पाजी नज़्में’ और गौतम राजऋषि की ‘पाल ले इक रोग नादाँ’ भी सूची में बनी हुई हैं।
हिंदी कविता में उल्लेखनीय नाम फैज़ान खान के कविता–संग्रह ‘रंगों में बेरंग’ का है। 2017 में आई इस किताब को पहली बार जागरण बेस्टसेलर में जगह मिली है। जागरण बेस्टसेलर में जगह पाने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए फैजान कहते हैं, ‘इस बात की खुशी है कि ‘रंगों में बेरंग’ को सूची में सम्मलित किया गया है। लगता नहीं था कि कभी ‘रंगों में बेरंग’ बेस्टसेलर में आएगी, क्योंकि मैं ना तो कोई प्रमुख लेखक हूँ और न ही ज़्यादा लोग मुझे लेखक के रूप में जानते हैं और न ही मैं सोशल साइट्स पर कविताएं पोस्ट करता हूँ और जबकि ये मेरी पहली किताब है, इन सबके बावजूद रंगों में बेरंग को सराहा जा रहा है, तो खुशी होती है। उम्मीद करता हूँ, अगली किताब जो कि कहानी संग्रह है, उससे भी लोगो का दिल जीत सकूँ।‘
कुल मिलाकर हम देख सकते हैं कि इस श्रेणी में हिंदी कविता के मुकाबले ग़ज़ल और नज़्मों का बोलबाला है। सोशल मीडिया पर भी कविता के बजाय युवाओं में शायरी के प्रति आकर्षण दिखता है। अब जागरण बेस्टसेलर की सूची भी हिंदी कविता के मुकाबले शायरी की बढ़ती लोकप्रियता की ही तस्दीक कर रही है। ऐसे में, हिंदी कविता के वर्तमान कर्णधारों को गंभीरतापूर्वक सोचना चाहिए कि आखिर कमी कहाँ हो रही है।
पीयूष द्विवेदी
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