देवासः म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन की देवास ईकाई तथा 'ओटला' के संयुक्त तत्वाधान में युवा लेखिका एवं कवयित्री सोनल शर्मा की पुस्तकों पर चर्चा और एकल कविता पाठ का आयोजन स्थानीय जयश्री नगर की स्कॉलर्स एकेडमी में हुआ. सोनल शर्मा की अब तक तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें एक कविता संग्रह 'पता नहीं', फ़िल्म निर्माण की प्रक्रिया पर केन्द्रित एक पुस्तक 'फ़िल्म बनती है और बनाती भी है' तथा हाल ही में 'कोशिशों की डायरी' शामिल हैं. कार्यक्रम का संचालन करते हुए ज्योति देशमुख ने इन तीनों पुस्तकों का विस्तृत परिचय दिया. कथाकार प्रकाश कान्त ने सोनल शर्मा की हाल ही में आई पुस्तक 'कोशिशों की डायरी' पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह का काम विभावरी जैसी संस्थाओं द्वारा किया जाता है ,उसके बारे में अख़बारों में पढ़ना एक अलग बात है लेकिन ज़मीनी स्तर पर इस तरह के कामों में किस तरह की मुश्किलें आती हैं यह कालीचाटजैसे उपन्यासों या कोशिशों की डायरीजैसी पुस्तकों में ही जानने को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सोनल शर्मा, सुनील चतुर्वेदी और उनके साथियों ने गाँवों में पानी को लेकर लोगों को जागरूक और एकजुट किया है वह अपने आप में एक बड़ी और सफल कोशिश है.
इस चर्चा के बाद सोनल शर्मा ने अपनी कविताओं का पाठ किया, जिनमें प्रमुख थीं, ‘बारिशों और चाहतों का मौसम है’, ‘काँटा’, ‘गुलाबी शहर’, ‘स्त्री’, ‘अहिल्या’, ‘सीता’, ‘खोई हुई चीज़ें’, ‘वस्तु होना बेबसी है’, ‘आज हाट है’, ‘निर्वात’, ‘बँटवारा’, ‘विस्थापन’, ‘टोल नाके के लड़के’, ‘जो गधे पर नहीं बैठते’, ‘हरिपुर के स्कूल में एक दिन’, ‘दूधबोली’, ‘पानी सी दमकती लड़की’, ‘जंगल’, ‘ईश्वर’, ‘मुझे दर्शक रहने दो’, ‘यशोधरा’, ‘गुड़-तिल की चक्की’, ‘स्वप्न’, ‘बस पहचान लिया जाएआदि. इन कविताओं पर टिप्पणी करते हुए कवि बहादुर पटेल ने कहा कि इन्हें सुन व पढ़ कर पाठक कई तरह के अनुभवों से गुज़रता है. सोनल शर्मा की कविताओं में जो विविधता और विस्तार है, वह बहुत ही कम कवियों में देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि ये कविताएं अपने भावों के साथ पाठक को बहाकर ले जाती हैं और उसे विविध दृश्य दिखाती हैं. इन कविताओं में प्रतिरोध की भाषा बिल्कुल अलग है. जिस भाषा की उम्मीद हम धीरे-धीरे खोते जा रहे हैं वह भाषा सोनल जी बचाकर रखती हैं. आभार प्रदर्शन श्रीकांत तेलंग द्वारा किया गया. कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि एवं शायर विक्रमसिंह गोहिल, ओम वर्मा, उमाशंकर नागर, अज़ीज़ रोशन, ओंकारेश्वर गेहलोत, यू एस नागर, मनीष कुमावत, नीलू सक्सेना, शकुन्तला जैन, राजेन्द्र राठौर, सत्यनारायण सोनी, कमलेश मिश्रा, धीरज साहा, दयाराम सारोलिया, कालूराम बामनिया, केदार मंडलोई, अमेय कान्त, वैभव देशमुख सहित ढेरों साहित्यप्रेमी उपस्थित थे.