जबलपुर: मध्य प्रदेश हमेशा से सहित्यिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. जबलपुर में साहित्य संगम संस्थान, विश्व वाणी हिंदी संस्थान तथा समन्वय प्रकाशन ने मिलकर 'सृजन पर्व' का आयोजन किया. इस दौरान विचार गोष्ठी के साथ कई पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण और अर्चना गोस्वामी द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से हुई. हिंदी आरती हरि सहाय पांडे ने किया. तत्पश्चात मिथलेश बड़गैया ने कार्यक्रम के अतिथियों का परिचय कराया. कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी ने की. प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ सुरेश कुमार वर्मा एवं डॉ इला घोष ने अपने संबोधन में साहित्य के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर लघुकथा संगम, सड़क पर, मौसम अंगार है, सेकंड थाट, दोहा दोहा नर्मदा, दोहा सलिला नर्मदा और दोहा दिव्य दिनेश का लोकार्पण किया गया और इन कृतियों पर चर्चा के साथ साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया. आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी, डॉ. सुरेश कुमार वर्मा तथा डॉ. इला घोष ने व्याख्यान दिए.
डॉ अरुण श्रीवास्तव अर्णव ने साहित्य संगम संस्थान का और आचार्य संजीव सलिल ने विश्व वाणी हिंदी संस्थान अभियान का परिचय देने के साथ ही इन संस्थाओं की गतिविधियों पर प्रकाश डाला. साहित्य संगम संस्थान की इस आयोजन की प्रभारी छाया सक्सेना के साथ मीना भट्ट, डॉ राज लक्ष्मी शिवहरे, अर्चना राय , भावना शिवहरे, मधु जैन, अतुल द्विवेदी अनजाना, सुनील अवधिया मुक्तानिल, राजकुमारी मिश्रा, अनंतराम चौबे, विश्व वाणी हिंदी संस्थान अभियान के डॉ. रेखा जैन, डॉ. अनिल जैन, विजय बागरी, मंजरी शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, महेश शर्मा, अनुराधा, गीता गीत, गोपाल कृष्ण चौरसिया मधुर, मनोज शुक्ल, संतोष नेमा, राजेश, विवेक रंजन श्रीवास्तव, हरिसहाय पांडेय, इंद्रबहादुर श्रीवास्तव, अविनाश ब्यौहार, शोभित वर्मा, जयप्रकाश श्रीवास्तव, हीरालाल बड़गैंया, मन्वन्तर, डॉ. साधना वर्मा आदि के अलावा बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित थे.