नई दिल्लीः छबिल कुमार मेहेर के संपादन में 'राजी सेठ संचयिता' नाम से इस वरिष्ठ लेखिका के सृजनकर्म को एक स्थान पर प्रस्तित करने की कोशिश की गई है. इस पुस्तक का प्रकाशन नयी किताब प्रकाशन ने किया है. चर्चित आलोचक प्रभाकर श्रोत्रिय ने लिखा था कि राजी सेठ का लेखन में प्रवेश ऐसे हुआ जैसे वर्षों के अज्ञात रियाज़ के बाद कोई अनाम व्यक्ति कौतूहलवश उस्तादों के मंच पर सहसा प्रकट हो और पक्का राग साध कर अचम्भे डाल दे. आमतौर पर प्रतिभाएँ जिस उम्र तक आते-आते शीर्ष पर पहुँच जाती हैं, उस उम्र में राजी के लेखन की शुरुआत हुई और वह भी परिपक्वता और ताज़गी के संघात की तरह. बाद में भी पाठकों के बीच उनका एहसास स्फुल्लिंग जैसा नहीं होकर ऐसी शान्त अविरल लौ की तरह हुआ, जो आभा और ताप का एक साथ आश्वासन देती है. उद्भट सृजन-महत्त्वाकांक्षा राजी में न तब थी, न अब है. अगर कुछ है तो आन्तरिक प्रवाह की से कुछ सीखने, चुनने, बुनने की बेचैन लगन, जो प्राय: यश-लिप्सा निरपेक्ष है.
श्रोत्रिय ने आगे लिखा कि- साहित्य में राजी का आना किसी विचारधारा द्वारा धकियाया या धमकाया हुआ नहीं था, वे किसी शक्ति केन्द्र का खिलौना बन कर भी नहीं आईं. उनकी तरह का आना और जारी रहना अगाध आत्मविश्वास और अटूट साहस के बिना सम्भव नहीं है, खासकर हमारे समय में जहाँ निष्ठा, आन्तरिकता और गुणात्मकता का लगातार अवमूल्यन हो रहा है. सिर्फ लेखन के बल पर लेखक बने रहने से बड़ी कोई जीवट नहीं है इस वक्त. वेदना और प्रेम से लगाकर क्रोध और विद्रोह की ठण्डे मुहावरे में अभिव्यक्ति को इस शोर-शराबे में कम ही सुना जाता है. मानवीय सम्बन्धों के द्वन्द्व और अन्तर्द्वन्द्व की आन्तरिक विकलता, मन्थर प्रवाह और गहराई कथ्य-चयन में संकेन्द्रण, शिल्प रचने में धीरज, कृति की सधी हुई काठी -बेहद कमसिन, लचीली मगर भीतर से मजबूत इरादे की तरह- राजी की विशेषताएँ हैं. ऐसे रचना-गुण कुछ अलग संयोजनों में अन्य लेखकों में भी कमोबेश मिल जाएँगे परन्तु इन्हें एक अलग स्पर्श और लावण्य देती हैं राजी की 'स्त्री' जो वहाँ सिर्फ संवेदन में ही नहीं, जैविक पदार्थता में भी है. जाहिर है तत-सम और निष्कवच जैसे उपन्यास और अंधे मोड़ से आगे, तीसरी हथेली, यात्रा-मुक्त, दूसरे देश काल में, यह कहानी नहीं, सदियों से, किसका इतिहास, गमें-हयात ने मारा, खाली लिफाफा, मार्था का देश और यहीं तक जैसे कहानी संकलनों की लेखिका के सृजन को एक जगह पाना उनके प्रशंसक पाठकों के लिए काफी रुचिकर होगा.