चेन्नई: देश के दक्षिणी राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु में भी हिंदी को प्रतिष्ठा मिलने लगी है, खासकर छात्रों और अध्यापकों में इसे लेकर एक उत्साह दिख रहा है. केन्द्रीय हिंदी निदेशालय, मानव विकास संसाधन मंत्रालय ,उच्चतर शिक्षा विभाग नई दिल्ली और चेन्नई के एम. ओ. पी. वैष्णव महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को देखकर तो ऐसा ही लगा. इस महाविद्यालय में पिछले दिनों 'वर्तमान युग में गांधी के विचारधारा की आवश्यकता' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हिंदी साहित्य जगत की कई हस्तियां जुटीं, जिनमें ममता कालिया, सूर्यबाला, डा.ओम निश्चल, डा.अहिल्या मिश्र , डा.एम.वेंकटेश्वर जी, प्रो.लता चौहान आदि की भागीदारी भी रही.
एम.ओ.पी.वैष्णव महिला महाविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्षा डा.सुधा त्रिवेदी ने कुशलतापूर्ण संयोजन से महात्मा गांधी की प्रासंगिकता को महाविद्यालय के मंच से लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित विद्वानों के द्वारा पुर्नमनन, चिंतन के लिए प्रेरित किया.देश भर से आए रचनाकारों एवं शिक्षाविदों ने हिंदी में विचारों का आदान-प्रदान किया. संगोष्ठी में छात्राओं की श्रमपूर्ण निष्ठा, विनम्रता और भाषा के प्रति श्रद्धा सराहनीय थी. संगोष्ठी में संचालन का दायित्व उषा रानी राव ने किया, जिन्होंने काव्यपाठ तथा प्रपत्र प्रस्तुत किया.