पटना:चर्चित साहित्यिक संस्था ' जनशब्द ' द्वारा महाराजा काम्प्लेक्स स्थित टेक्नो हेराल्ड के सभागार में राजमणि मिश्र के निबंध संग्रह "चांदखोल पर थाप" का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया । इस अवसर पर वरिष्ठ कवि प्रभात सरसिज, दिलीप कुमार, मृत्युंजय मिश्र 'करुणेश', पूनम सिंह श्रेयसी, शहंशाह आलम, राजकिशोर राजन, शम्भू पी सिंह, हेमन्त दास 'हिम', विजय प्रकाश सहित पटना और आसपास के साहित्यकार उपस्थित थे।
कथाकार व पटना दूरदर्शन के कार्यक्रम अधिशासी शम्भू पी सिंह ने कहा "राजमणि मिश्र के निबंध विविध संदर्भों को समाहित करते हुए ललित निबंध विधा में अपनी अलग पहचान बनाते हैं। ये निबंध पाठकों को निश्चित ही निबंध विधा से जुड़ने हेतु प्रेरित करेगा।"
मुख्य अतिथि दिलीप कुमार ने कहा " राजमणि मिश्र के निबंध सरल सहज भाषा में एक निबंधकार का मौलिक चिंतन है। उन्होंने राजमणि मिश्र को एक ऐसा निबंधकार बताया जो अपने समकालीनों से अलग एक विशिष्ट पहचान बनाने की ओर अग्रसर हैं।"
मृत्युंजय मिश्र करुणेश ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा " ये निबंध ललित निबंध की श्रेणी में आते हैं और भविष्य में श्री राजमणि मिश्र एक स्थापित निबधकार की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराएंगे।"
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि प्रभात सरसिज ने अपने शांति निकेतन के अनुभवों को बताया और "चांदखोल पर थाप" के महत्व को समझाया। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा " यह निबंधकार अपनी बनाई लीक पर चलनेवाला है और इनसे निबंध विधा को बड़ी उम्मीदें हैं। "
कार्यक्रम के इस सत्र का संचालन कवि राजकिशोर राजन ने किया
दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न कवियों ने अपनी कविताएं सुनाईं। शहंशाह आलम, राजकिशोर राजन, हेमन्त दास 'हिम', अरविंद पासवान, घनश्याम, विभा रानी श्रीवास्तव, अर्चना त्रिपाठी, मृत्युंजय मिश्र करुणेश, सिद्धेश्वर, प्रभात सरसिज, संजय कु. संज, श्वेता शेखर, पूनम सिंह, सुधा मिश्र, राजमणि मिश्र आदि कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
इस सत्र का संचालन विजय प्रकाश ने किया जबकि अध्यक्षता प्रभात सरसिज ने की और इस सत्र के मुख्य अतिथि पारस कुंज थे।