नई दिल्ली: लॉकडाऊन के दौरान साहित्यिक गतिविधियां जारी हैं. आओ गुनगुना लें गीत समूह ने इस दौरान आनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया. भाग लेने वाले कवियों ने अपनी लगभग 5 मिनट की रचनाओं के रेकॉर्डेड ऑडियो माध्यम से पटल पर रखे. समूह के अन्य कवियों ने टिप्पणी कर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन कर कविता का आनंद लिया. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता जाने-माने गीतकार डॉ जयसिंह आर्य ने की. मुख्य अतिथि के रूप में ओजस्वी कवि श्रीकान्त श्री ने शिरकत की. इस पहले डिजीटल कवि सम्मेलन में कोरोना, भारतीय संस्कृति व देशभक्ति काव्य-पाठ हुआ. कवि सम्मेलन में देश भर के कवि सम्मिलित हुए, जिनमें शंकर भारती, करण सिंह कर्ण, सुरेन्द्र खास, नरेंद्र शर्मा खामोश, पंकज त्यागी असीम, पूनम रज़ा, डॉ रविंद्र कुमार सैनी, अंजना अंजुम, अंगद धारियां शामिल हुए.
आओ गुनगुना लें गीत समूह द्वारा आयोजित इस काव्य-गोष्ठी के संयोजक थे ग़ज़लकार हरेन्द्र प्रसाद यादव 'फ़कीर', प्रचार सचिव के रूप में संजय कुमार गिरि ने भूमिका निभाई. काव्य-गोष्ठी का संचालन बहुत ही निराले अंदाज में कवि-गीतकार संजय जैन ने किया. कवियों का आभार व्यक्त करते हुए डॉ जयसिंह आर्या ने कहा कि यह देश में कोरोना वायरस की विकट संकट की घड़ी है. जिसमें हमारे देश के पुलिस, डॉक्टर, सुरक्षा कर्मियों का विशेष योगदान है. डॉ आर्य ने अध्यक्षीय काव्य पाठ में जो खास पंक्तियां सुनाईं, वे थीं –
मर-मर के जी रही है यह जिंदगी हमारी,
खामोश हो गई है असली खुशी हमारी.
हमला भी कर रहे हैं हम अपने रक्षकों पर,
मारेगी हमको इक दिन आवारगी हमारी.
जहरीला वायरस है रहना है इससे बचके,
घर में ही बच सकेगी यह जिंदगी हमारी.
हम वक्त के खिलाड़ी डरते नहीं किसी से,
हर जंग जीतने की आदत रही हमारी.