जानेमाने लेखक, गीतकार, शायर, निर्देशक गुलजार का आज जन्मदिन है. वह 18 अगस्त, 1934 को झेलम जिले के दीना गांव में पैदा हुए थे, जो अब पाकिस्‍तान में है. उनका असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है और फिल्मों में लेखन से पहले वह एक गैराज में मैकेनिक का काम किया करते थे. पर लेखन का शौक उन्हें बचपन से ही था. वह कम उम्र में ही लेखक बन गए थे, पर उनके पिता को यह बात नागवार गुजरी. गुलजार मुंबई आ गए और बिमल रॉय के असिस्टेंट बन गए. एस.डी. बर्मन की 'बंदिनी' से उन्होंने बतौर गीतकार शुरुआत की. उनका पहला गाना था, 'मोरा गोरा अंग लईले मोहे श्याम रंग देई दे…फिल्म  'गुड्डी' के लिए लिखे गए उनके गीत 'हमको मन की शक्ति देना' एक दौर में सभी स्कूलों का प्रार्थना गीत हो गया था. 

 

बतौर निर्देशक गुलजार की पहली फिल्म 'मेरे अपने' थी, जो 1971 में आई. गुलजार की लिपी देवानागरी कम उर्दू अधिक है. उन्होंने अपनी फिल्मों के लिए खूब मेहनत की और 'किताब', 'आंधी', 'अचानक', 'कोशिश' 'मीरा', 'लेकिन' और 'इजाजत' जैसी फिल्में बनाईं. कहते हैं, गुलजार ने अपनी फिल्म 'कोशिश' के लिए साइन लैंग्वेज तक सीखी थी. गुलजार द्वारा लिखी गई चर्चित पुस्तकें हैं, 'चौरस रात', 'जानम', 'एक बूंद चांद', 'रावी पार', 'रात, चांद और मैं', 'रात पश्मीने की' और 'खराशें'

 

बॉलीवुड में उनकी धमक का अंदाज इससे लगा सकते हैं कि उन्होंने 20 बार फिल्मफेयर और 5 बार राष्ट्रीय पुरस्कार तो जीता ही, 'स्लमडॉग मिलेनेयर' फिल्म में अपने लिखे गाने 'जय हो' के लिए साल 2009 का ऑस्कर और 2010 का ग्रैमी अवार्ड भी पाया. उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण सम्मान के अलावा फिल्मी दुनिया में श्रेष्ठ योगदान के चलते के साल 2013 में दादा साहेब फाल्के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. 

 

जागरण हिंदी की ओर से गुलजार जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!