हापुड़: गुरुकुल महाविद्यालय ततारपुर के 55वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन महाविद्यालय प्रांगण में किया गया, जिसकी अध्यक्षता जानेमाने गीतकार डॉक्टर जयसिंह आर्य ने की. कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवयित्री क्षमा शर्मा की सरस्वती वंदना द्वारा हुआ. तत्पश्चात कवि वेद प्रकाश मणि ने अपनी राष्ट्र वंदना, वेद वंदना से समूचे वातावरण को वेदमयी बना दिया. कवि राजकुमार सिसोदिया ने अपनी ओजस्वी रचनाओं से वातावरण में गर्माहट पैदा की, तो कवि सौरभ कांत शर्मा ने अपने राष्ट्रीय गीतों से सब को आंदोलित किया. हास्य कवि देवेंद्र दीक्षित शूल ने अपनी तीक्ष्ण हास्य कविता से लोगों को हंसाने के साथ ही सोचने पर भी मजबूर कर दिया.
कवि सम्मेलन का संचालन ओज कवि डॉ अनिल वाजपेई ने किया. उन्होंने संचालन के के दौरान देशभक्त वीरों की गौरव गाथा का बखान बहुत ही सुंदर शब्दों में किया. अंत में अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर जय सिंह आर्य ने युग दृष्टा ऋषि दयानंद सरस्वती को लेकर कविता पढ़ते हुए अपनी बात रखी. उन्होंने सुनाया-
दुनिया में अपने देश की पहचान थे ऋषि
हिंदी हिंदुस्तान का सम्मान थे ऋषि
जीते रहे वह देश, धर्म, कौम के लिए
अपने वतन की आन पर कुर्बान था ऋषि…
डॉ आर्य ने अपनी और भी कविताएं सुनाईं. इस अवसर पर गुरुकुल के प्राचार्य डॉ प्रेमपाल शास्त्री ने सभी कवियों का सम्मान प्रतीक चिन्ह और आर्य समाज का पटका पहनाकर किया.