नई दिल्लीः हिंदी भवन में आयोजित व्यंग्य की महापंचायत में लेखक गुरमीत बेदी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया. गुरमीत वेदी को यह सम्मान जाने-माने व्यंग्यकार व समीक्षक सुभाष चंद्र, कथाकार व लोकायत पत्रिका के संपादक बलराम, व्यंग्यकार व समीक्षक डॉ रमेश तिवारी, साहित्यकार व माध्यम साहित्यिक संस्थान लखनऊ के महासचिव अनूप श्रीवास्तव, डॉ स्नेहलता पाठक, श्रवण कुमार उर्मलिया, राम किशोर उपाध्याय व देवी प्रसाद मिश्र, कवयित्री व जेएनयू में शोधार्थी ऋचा माथुर और ऋतंभरा माथुर की मौजूदगी में दिया गया. इस मौके पर व्यंग्य की महापंचायत नाम से एक कार्यशाला का भी आयोजन हुआ और संगोष्ठी, लघुकथा काव्यपाठ व लोकार्पण समारोह भी संपन्न हुआ.
याद रहे कि हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के चंडीगढ़ स्थित प्रेस संपर्क कार्यालय में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत गुरमीत बेदी की साहित्य की विभिन्न विधाओं में 12 से अधिक पुस्तकें और तीन उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. गुरमीत बेदी मॉरीशस व जर्मनी के बर्लिन में आयोजित वर्ल्ड पोएट्री फेस्टीवल में भी भाग लेकर हिमाचल प्रदेश को गौरवान्वित कर चुके हैं. उन्होंने कई देशों की सांस्कृतिक यात्राएं भी की हैं. उनके कविता संग्रह मेरी ही कोई आकृति का जर्मन कवयित्री रोजविटा ने जर्मनी में भी अनुवाद किया है. इस किताब की भूमिका देश के जाने-माने कवि पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने लिखी है. बेदी का कहानी संग्रह 'सूखे पत्तों का राग'  काफी चर्चित रहा. इस कहानी संग्रह की भूमिका जानी-मानी कथाकार चित्रा मुदगल ने लिखी है. गुरमीत बेदी को हिमाचल साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं. उनके उपन्यास 'खिला रहेगा इंद्रधनुष' पर एक टेलीफिल्म भी बन रही है और एस्ट्रोलॉजी साइंस पर उनकी एक शोध पुस्तक शीघ्र आ रही है.