नई दिल्लीः “अमृत काल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है. आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं.” यह कहना था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का. वह 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' के राष्ट्रीय शुभारंभ समारोह में मुख्य वक्तव्य दिया. उन्होंने ब्रह्मकुमारी संस्था की सात पहल का भी आरंभ किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव समारोहों के क्रम में ब्रह्मकुमारी संस्था का यह कार्यक्रम स्वर्णिम भारत की भावना, प्रेरणा और साधना का परिचायक है. प्रधानमंत्री ने उपासना की भारतीय परंपरा और महिलाओं के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था. हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं.” उन्होंने भारतीय इतिहास के विभिन्न युगों में उल्लेखनीय महिलाओं के योगदान के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं और, स्वाधीनता संग्राम के दौरान, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं. कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी.
प्रधानमंत्री ने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है, अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्था को निरंतर आधुनिक भी बनाना है. प्रधानमंत्री के शब्द थे, “हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है, और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. यह भाव, यह बोध ही नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है. आज देश में जो कुछ हो रहा है, उसमें 'सबका प्रयास' शामिल है.” उन्होंने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' देश का दिग्दर्शक मूलमंत्र बन रहा है. आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, हम एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो.” इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, भूपेन्द्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल, पुरुषोत्तम रुपाला एवं कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे.