नई दिल्लीः केंद्रीय साहित्य अकादेमी 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के अवसर पर राजधानी के रवींद्र भवन में दिन भर का 'अखिल भारतीय बहुभाषी कवि सम्मिलन' करा रही है. चार सत्रों में विभक्त इस कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव के स्वागत भाषण से सुबह दस बजे शुरू होगा, जिसमें उद्घाटन वक्तव्य हिंदी के प्रख्यात कवि-कथाकार रामदरश मिश्र और आरंभिक वक्तव्य मलयालम के प्रख्यात साहित्यकार के सच्चिदानंदन देंगे. प्रख्यात डोगरी साहित्यकार पद्मा सचदेव बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत करेंगी. अध्यक्षीय वक्तव्य साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार का और समापन वक्तव्य साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक की ओर से दिया जाएगा. उद्घाटन सत्र के पश्चात के तीनों सत्र कविता-पाठ के लिए नीयत हैं. अरविंद कृष्ण मेहरोत्रा की अध्यक्षता में प्रथम सत्र की शुरुआत 12 बजे होगी, जिसमें असमिया के जीबन नाराह, बांग्ला के सुब्रुत रुद्र, बोडो की रश्मि चौधरी, गुजराती के धीरेंद्र मेहता, हिंदी के गंगा प्रसाद विमल, कन्नड़ के जयंती कैकिनी, कश्मीरी के अजीज हाजिनी और कोंकणी के विल्सन कतील अपनी कविताएं सुनाएंगे.

 

द्वितीय सत्र अपराह्न 2.30 बजे शुरु होगा, जिसकी अध्यक्षता कवि सुरजीत पातर करेंगे. इस सत्र में मैथिली के अजीत आजाद, मणिपुरी के राजकुमार भुबनसना, मराठी के चंद्रकांत पाटील, नेपाली के मोहन ठकुरी, ओड़िया के शत्रुघ्न पंडब, राजस्थानी के अर्जुन देव चारण और संस्कृत के अभिराज राजेंद्र मिश्र अपना कविता पाठ करेंगे. तीसरे और समापन सत्र की शुरुआत सायं 4.15 बजे होगी जिसकी अध्यक्षता सिर्पी बालसुब्रह्मण्यम करेंगे. इस सत्र में कविता पाठ करने वाले कवि हैं, संस्कृत के देवर्षि कलानाथ शास्त्री. संताली के अर्जुन चंद्र हेम्ब्रम, सिंधी के विम्मी सदारंगाणी, तेलुगु के कोप्पारासि वेंकट रमण, पंजाबी की वनीता, उर्दू के शीन काफ निजाम और हिंदी के बुद्धिनाथ मिश्र. अकादेमी का यह कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर देश भर में मनाए जा रहे उत्सव का भी एक हिस्सा है.