नई दिल्लीः आयुष मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय नेचुरोपैथी संस्थान पुणे ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर से महात्मा गांधी के स्वदेशी विचारों और दर्शन को महत्त्व देते हुए नेचुरोपैथी पर 48 दिवसीय वेबिनार्स की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहा है, जो राष्ट्रीय नेचुरोपैथी दिवस 18 नवंबर तक जारी रहेगा. इस वेबिनार्स श्रृंखला के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया जाएगा कि स्वास्थ्य की देखभाल का दायित्व हम सहजता से उपलब्ध नेचुरोपैथी पद्धतियों के द्वारा कर सकते हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य नेचुरोपैथी की व्यवस्था के बारे में जागरूकता का सृजन करना और इसका प्रदर्शन करना है. नेचुरोपैथी की सेवा में लगे लोगों से लाइव चैट के फीडबैक सत्र भी आयोजित होंगे. वर्चुअल माध्यम पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम से भौतिक सीमाओं का का बंधन ख़त्म होगा और इन कार्यक्रमों में देश के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न भागों से लोग हिस्सा ले सकेंगे. स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर गांधी जी के विचारों को लोगों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे, जो कोविड-19 जैसे संकट के दौरान विशेष महत्व रखते हैं. गांधीजी का मानना था कि स्वास्थ्य की देखभाल प्रत्येक व्यक्ति की अपनी जिम्मेदारी है. वेबिनार्स की इस श्रृंखला के जरिए स्वास्थ्य पर महात्मा गांधी के विचारों के संबंध में बोलने के लिए दुनिया के विभिन्न देशों से विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा. इसमें जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विभिन्न पहलुओं पर महात्मा गांधी के विचारों के आलोक में स्वस्थ्य देखभाल कर्मियों को संवेदनशील बनाने में मदद मिलेगी. 

 

वेबिनार्स का आयोजन महात्मा गांधी से जुड़े अनेक संस्थानों जैसे गांधी शोध संस्थान, गांधीवादी अध्ययन केंद्र, गांधी भवन, गांधी स्मारक निधि इत्यादि के साथ साझेदारी से किया जाएगा. इसके अलावा विश्व के विभिन्न गांधीवादी संगठनों जैसे विश्व शांति के लिए महात्मा गांधी कनाडाई फाउंडेशन, गांधी सूचना केंद्र जर्मनी, अमेरिका के वर्जीनिया का वैश्विक अहिंसा के लिए महात्मा गांधी केंद्र और ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित यूटीएस के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे. 48 दिन के वेबिनार्स की श्रृंखला का आरंभ 2 अक्टूबर को किया जाएगा और प्रतिदिन एक निश्चित समय पर एक सत्र का आयोजन किया जाएगा. इस श्रृंखला का समापन 18 नवंबर को राष्ट्रीय नेचुरोपैथी दिवस पर समापन आयोजन के साथ होगा. 18 नवंबर को ही महात्मा गांधी अखिल भारतीय नेचर केयर फाउंडेशन ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष चुने गए थे और ऐसी सहमति पर हस्ताक्षर किए थे कि उपलब्ध प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ समाज के सभी वर्गों के लोगों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे. विभिन्न कार्यक्रमों के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतिस्पर्धा और आम जनता के लिए सोशल मीडिया प्रतिस्पर्धा इत्यादि का भी आयोजन किया जाएगा. एनआईएन पुणे की यह पहल आयुष के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है जिसमें रोग निवारण और स्वास्थ्य देखभाल शामिल है. साथ ही यह आयुष मंत्रालय के 'आयुष फॉर इम्यूनिटी अभियान से पूरी तरह तालमेल रखाता है.