लखीमपुर-खीरी: त्योहारों के सीजन में शहर में साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भरमार है. इसी के क्रम में प्रादेशिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कवियों ने हास्य, वीर रस और स्थानीय साहित्य के विभिन्न रंग दिखाए. कवियों ने हास्य व्यंग्य और गीतों के माध्यम से देर रात तक श्रोताओं हंसाया और मनोरंजन किया. साहित्य की शोहरत का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इस कार्यक्रम को देखने के लिए दर्शक रात भर जमे रहे. इस कवि सम्मेलन का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन सिंह ने द्वीप प्रज्जवलित कर किया. इसके बाद डॉ आलोक मिश्रा ने सरस्वती वंदना पढ़ी.

इस कार्यक्रम में कवियों का परिचय संचालक राममोहन गुप्ता ने कराया. कवि नीरज पांडे ने राजकिशोर पांडे प्रहरी की स्मृति में कविता पढ़ी. कवि मनोज अवस्थी सुखदेव के गीतों की यह पंक्तियां बहुत सराही गईं, जब उन्होंने कहा देवभूमि भारत यह इसकी जग में अमर कहानी है. श्रीकांत सिंह ने जीएसटी की बात उठाते हुए कहा- अब बच्चे बड़े हैं हुए हैं मोदी स्टाइल में. राजेंद्र प्रसाद तिवारी ने श्रंगार की कविता पढ़ी- जैसे करती है किलोल मछरिया पानी में. कवि सुरेश फक्कड़ अपनी कविता- गंगाजल सा इस जहां में नीर नहीं है, दुष्यंत के भारत से कोई वीर नहीं है. कुंवर आलोक सीतापुरी, विजेंद्र राठौर, श्याम त्रिवेदी, कमलेश धुरंधर, राधेश्याम भारती, अमित पवार सहित तमाम कवियों ने काव्य पाठ किया. आयोजकों ने उपस्थित श्रोताओं और कवियों का आभार प्रकट किया.