रोहतकः महाशय धर्मचंद जी गांधी आर्य समाज मानसरोवर कॉलोनी रोहतक ने  जाने-माने गीतकार 'डॉ जयसिंह आर्य काव्य रसधार' का आयोजन किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य समाज के संरक्षक नंदलाल गांधी ने की. समाज के प्रधान सुरेश मित्तल ने रसधार का संचालन किया. इस अवसर पर डॉ जयसिंह आर्य का सम्मान राजेंद्र नासा, उपप्रधान यशपाल भाटिया, मंत्री ओमप्रकाश नासा, कोषाध्यक्ष दिनेश नरूला, सह मंत्री हर्ष नागिया, गुलशन साह, राजेश मित्तल व बबीता शर्मा ने किया. इस अवसर पर डॉ आर्य ने अपने गीत, गजल, मुक्तक की झड़ी लगा दी, जिनको सुनकर श्रोताओं ने बहुत आनंद लिया. देश के शहीदों पर लिखे उनके इस मुक्तक ने सभी को राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को जागृत किया. बानगी देखें:
खून से जिसने कहानी लिख दी
और दरिया की रवानी लिख दी
देश को उसको भुला दे जिसने
देश के नाम जवानी लिख दी
राष्ट्र के प्रति मर मिटने की भावनाओं को लेकर उनके इस गीत को तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सुना गया:
मांगे जो देश जान तो हम हंस के जान दें
निज आन बान शान की ऊंची उड़ान दें
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जो आंख देश पर उठे आंख फोड़ दें
दुश्मन की टांग बाजू और शीश तोड़ दें
हम अपनी वीरता को फिर नई जुबान दें
मांगे जो देश जान तो हम हंसके जान लें
एक अजन्मी बेटी की व्यथा पर, जिसकी मां उसको मारना चाहती है, जब उन्होंने गीत सुनाया तो संपूर्ण वातावरण भावविभोर हो गया. गीत के बोल कुछ इस प्रकार से थेः
मार न मुझको मैया तेरा नाम मैं करूंगी
भीड़ बखत में हर विपदा में साथ में रहूंगी
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मनवा की यह बात दादा दादी ने समझाइयो
मेरे आने से न मैया री बिल्कुल घबराइयो
जिस से भी लड़ना पड़ेगा तू उस से लड़ जाइयो
थोड़ा ढाढस मैया मेरे बाबुल को बधाइयो
आगे मैया तेरे सारे दुखों को हरूंगी
मार न मैया मुझको तेरा नाम मैं करूंगी

अंत में उन्होंने यह वंदेमातरम गीत सुनाया:

गीत लिखो रे
वीर जवानों अपने भारत देश के
धरती मां के प्यारे-प्यारे
न्यारे- न्यारे शेष के
वंदे मातरम…

कार्यक्रम की सफलता पर आर्य समाज के मंत्री सुरेश गांधी व नवीन आहूजा ने आभार व्यक्त किया.