वाराणसीः वाणी प्रकाशन समूह एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा 'संबोधि सभागार' में 5 दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया. 15 नवम्बर से 20 नवम्बर तक चलने वाले इस मेले के शुभारंभ पर छात्रों, अध्यापकों ने बेहद उत्सुकता दिखाई. हिंदी विभाग के प्रो प्रभाकर ने बताया कि इस पुस्तक मेले में साहित्य, समाज, राजनीति, संस्कृति एवं ज्ञान की विविध विधाओं की सृजनात्मक और चिंतन परक पुस्तकें उपलब्ध होंगी. वाणी प्रकाशन ने पिछले दिनों रामकथा की संस्कृति, आधुनिकता, समाज चिंतन, भाषा, किसान विमर्श, पर्यावरण विमर्श एवं अन्य साहित्यिक सामाजिक विमर्श पर जो पुस्तकें प्रकाशित कीं उनके साथ यहां उपस्थित है. वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल का कहना था कि किताबें वो भी हैं जो यहां उपलब्ध हैं, किताब वो भी हैं जिन पर ऑनलाइन परिचर्चाएं हो रही हैं, किताबें वो भी हैं जो अभी दिल और दिमाग़ में हैं और कल कागज़ पर उतरने में सक्षम हैं.
इतिहास विभाग की डॉ अनुराधा सिंह ने कहा कि इस पुस्तक मेले का उद्देश्य है कि विभिन्न विषयों की पुस्तकें विद्यार्थी अवश्य देखें, पढ़ें और ज्ञान अर्जन करें. ऐसे मेलों के माध्यम से तमाम पुस्तकें विद्यार्थियों के सीधे सम्पर्क में आती हैं, जिन्हें वे देखेंगे, और उनका ज्ञान बढ़ेगा. इस पुस्तक मेले के साथ गम्भीर साहित्यिक विमर्शों पर भी कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. जिसमें समाजशास्त्री प्रो अभय कुमार दुबे के साथ 'भारतीय आधुनिकता के रंग' पर परिचर्चा तथा कवि व्योमेश शुक्ल की अध्यक्षता में 'वाणी युवा कविता' कार्यक्रम शामिल है. कोविड के चलते लगभग 2 वर्ष बाद ऐसी पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ है. इससे पुस्तकों को पढ़ने की एक संस्कृति, एक भूख विकसित हुई है. प्रदर्शनी की सफलता में प्रो कौशल किशोर मिश्रा, प्रो केशव मिश्रा, प्रो प्रभाकर सिंह, डॉ अनुराधा सिंह, डॉ अभय कुमार ठाकुर आदि की सक्रिय भूमिका रही.