वाराणसीः काशी फिल्म महोत्सव ने भगवान शिव की नगरी में अपनी एक अलग छाप छोड़ी. यह तीन दिवसीय आयोजन फिल्म बंधु, उत्तर प्रदेश सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से पहली बार किया गया था. दर्शकों ने शास्त्रीय संगीत और नृत्य का लुत्फ उठाया, साथ ही अपनी माटी के दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञों और बनारस घराने की यादें भी ताजा की. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर काशी फिल्म महोत्सव को विश्व पटल पर स्थापित करने की यह एक शुरुआत थी, जिसमें अनुपम खेर, रवि किशन, सतीश कौशिक, कैलाश खेर, मनोज जोशी, राजू श्रीवास्तव और खेसारी लाल यादव जैसे कलाकार मौजूद थे, जिनका प्रदेश से नाता रहा है. मुख्य आकर्षण अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी की ओर से भगवान शिव और दुर्गा पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति थी. इस आयोजन में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी शिरकत की और कहा कि वाराणसी में फिल्म महोत्सव के आयोजन से इस क्षेत्र में कला संस्कृति के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
ठाकुर ने कहा कि ऐसे आयोजन के लिए संगीत, ज्ञान और अध्यात्म की धरती काशी से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है. उन्होंने दावा किया कि काशी बदल रही है और यहां के सांस्कृतिक जनजीवन में नए आयाम जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम के रूप में पुरानी विरासत का सरंक्षण करने का कार्य रानी अहिल्याबाई होल्कर की ओर से मंदिर निर्माण के करीब 250 साल के बाद पहली बार हुआ है. वाराणसी में विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि काशी अब सिर्फ प्राचीन शहर ही नहीं रहा. बल्कि आधुनिक शहर भी हो गया है. नगर में रोडवेज, एयरपोर्ट सहित सभी क्षेत्रों में विकास हुए हैं. महशूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने कहा, 'आजाद रहो विचारों से बंधे रहो संस्कारों से…दुनिया हिंदुस्तान की संस्कृति और विरासत को मानती है. आज काशी में आयोजित हुए काशी फिल्म महोत्सव से लोगों को काशी को जानने का मौका मिलेगा. फिल्म जगत के लिहाज से यूपी में कई अवसर हैं. यूपी में फिल्म सिटी बनने से अब मेरी तरह यूपी के कलाकारों को भटकना नहीं पड़ेगा इस बात की मुझे बेहद खुशी है.