नई दिल्लीः शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले. वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा. 'जयहिंद काव्यधारा' की 38 वीं मासिक गोष्ठी 'कारगिल के शहीदों को नमन' व दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुई. सावन की रिमझिम फुहारों के बीच मौजूद 18 कवियों ने अपनी ओजपूर्ण और सरस कविताओं से श्रोताओं के मन पर एक अमिट छाप छोड़ी. चूंकि गोष्ठी की शुरुआत ही कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि और माता भारती के चरणों में पुष्पांजलि के साथ हुई, इसलिए लगभग हर कवि ने मां भारती के सपूतों और उनके बलिदान को नमन करते हुए ही अपना रचना पाठ किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पवन परमार्थी ने की व मुख्य अतिथि के रूप में ख्यातिलब्ध गीतकार डा. जयसिंह आर्य उपस्थित थे. मंच संचालन करन सिंह 'कर्ण' ने किया. 'जयहिंद काव्यधारा' की इस मासिक गोष्ठी में काव्य पाठ करने वाले कवियों में रामप्रकाश साहू, मीरा गुप्ता, शलभ फैजाबादी, खजान सिंह, शिव शंकर साधक, आनंद अग्रोही, सुरेंद्र 'खास', हरेन्द्र यादव, शंकर भारती, गुरु दिवाना,  आरबी जैसवाल, बैकुंठ शुक्ला, बाल कवि यशवीर सिंह व गुरु नूर शामिल थे.  याद रहे कि जयहिंद मिशन संगठन राजधानी में साहित्य व देशप्रेम की अलख जगाये रखने के लिए हर माह यह आयोजन कराता है, जिसमें देशभर से राष्ट्र और साहित्य के प्रति समर्पित लेखक, कवि, साहित्यकार, रचनाकार भाग लेते हैं.