झांसी: 'बुंदेलों की सुनो कहानी, बुंदेलों की बानी में, पानीदार यहां का पानी, आग यहां के पानी में…'जैसी कालजयी कविताओं से जन-जन के लाडले बने बुंदेलखंड के कवि अवधेश की पुण्यतिथि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के वृंदावनलाल वर्मा सभागार में हिन्दी विभाग और महाकवि अवधेश साहित्य संस्थान के तत्वावधान में मनायी गयी. कार्यक्रम में अवधेश के तैल चित्र का अनावरण भी किया गया. इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ रवींद्र शुक्ल ने कहा कि महाकवि अवधेश की रचनाएं बुंदेलखंड की मिट्टी की खुशबू समेटे हुए थी. उनका रचना संसार बुंदेलखंड वासियों के लिए अमूल्य धरोहर है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति साहित्य और भाषा से जुड़े ऐसे कार्यक्रम कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है. मुझे आशा है कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के छात्र कवि अवधेश एवं अन्य महत्त्वपूर्ण कवियों पर शोध कार्य कर उनके काव्य संग्रह को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हरगोविंद कुशवाहा ने अवधेश की रचनाओं का पाठ किया और उनके साथ बिताए गए कई प्रसंगों को जनमानस के सामने रखा. विशिष्ट अतिथि रामकेश ने कहा कि महाकवि अवधेश की कविताएं बुंदेलखंड की संस्कृति एवं इसकी विशिष्ट पहचान को विश्व के सामने प्रस्तुत करती हैं. बुंदेलखंड के युवा साहित्यकार उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं.
कार्यक्रम के आरंभ में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पुनीत बिसारिया ने अतिथियों का स्वागत किया. आभार महाकवि अवधेश साहित्य संस्थान के अशोक श्रीवास्तव ने एवं संचालन समाज कार्य विभाग के डॉ मोहम्मद नईम द्वारा किया गया. इस अवसर पर आयोजित काव्य समागम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सुखदेव चतुर्वेदी फौजी ने की. समागम में राजकुमार अंजुम, साकेत सुमन चतुर्वेदी, पन्नालाल असर, निहाल चन्द्र शिवहरे, सुमन मिश्रा, पंकज अभिराज, वैभव दुबे, कवि तुक्कड़, श्याम शरण नायक, संगीता निगम, अलका श्रीवास्तव, वासुदेव दुबे, डॉ पुनीत बिसारिया, डॉ मोहम्मद नईम, देवेंद्र भारद्वाज, भगवान सिंह कुशवाहा राही, अनिकेत जैन, अभिषेक बबेले आदि कवियों ने अपनी कविताओं से समां बांध दिया. इस अवसर पर डॉ अचला पांडेय, डॉ श्रीहरि त्रिपाठी, नवीन चंद पटेल, डॉ कौशल त्रिपाठी, जय सिंह, उमेश शुक्ला, मुकुल श्रीवास्तव, द्युति मालिनी, डॉ अनिल कुमार दुबे, कमला कांत उपाध्याय, संगीता नामदेव, यतीन्द्र शुक्ल, विवेक कुमार, प्रीति तिवारी, प्रियंका पाण्डेय समेत अनेक विभागों के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे. कवि सम्मेलन का संचालन डॉ राम शंकर भारती ने किया और मुकुल श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार जताया.