पटना: पटना आर्ट्स कॉलेज परिसर में 'कला प्रवाह' द्वारा आयोजित काव्य, कला एवं संगीत गोष्ठी में वरिष्ठ कवि आलोकधन्वा के अलावा ध्रुव गुप्त, सुजाता शर्मा, अनवर शमीम, गुलरेज़ शहज़ाद, संजय कुमार कुंदन और यामिनी ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। उसके बाद शिक्षायतन के म्यूजिकल ग्रुप के द्वारा तस्लीम फजली की ग़ज़ल "रफ्ता रफ्ता मेरे हस्ती का सामां हो गए… पहले जां, फिर जाने जां, फिर जाने जाना हो गए" से हुई । जिसने शुरू से ही कवि सम्मेलन के काव्य माहौल को एक मनोरम वातावरण बना दिया। अनवर शमीम ने अपनी रचना का पाठ किया
जाते-जाते भी कोई चीज हंसी रख देंगे, आने वाले नए मौसम का यकीन रख देंगे, ख़ाक उड़ाएंगे बहुत ख़ाक में मिल जाने तक, और यह ख़ाक भी हम लोग यहीं रख देंगे "
देवनागिरी लिपि में शायरी करने वाले शायर संजय कुमार कुंदन के अनुसार
"खुशियां तो मेले की अल्हड़ लड़कियां थीं…खो गई ,
गम शरीके जिंदगी सा हौसला देता रहा।"
कवि कवि ध्रुव गुप्त ने भी अपनी रचना का पाठ किया
यह दिल है ग़मज़दा हारा नहीं है,
जो खो आया गगन वो सारा नहीं है,
मेरी आवारगी पर हंसने वालों,
कोई मन है जो बंजारा नहीं है।
मोतिहारी से आये युवा शायर गुलरेज़ शहजाद की कविता की उपस्थित श्रोताओं ने जमकर तारीफ की ।
हाड़ों को हटाना चाहता हूं हवा सा खिलखिलाना चाहता हूं
मैं अपने आप से बिछड़ा कहां पर मैं खुद को याद आना चाहता हूं
सुजाता शर्मा की कविता थी
आंखो में आखे डालकर बातें करने की आदत डालो,
हक को मांगना नहीं, लेना सीखा दो,
इस कार्यक्रम में आर्ट्स कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं चित्रकार श्याम शर्मा, फिल्मकार ज़िया हसन, नाटककार सुमन कुमार, प्रशासक असलम हसन सहित दर्जनों ख्यातिप्राप्त लोगों की भागीदारी रही।
पटना के संगीत शिक्षायतन द्वारा पटना आर्ट एंड क्राफट्स कॉलेज के प्रांगण में गोंड जनजाति चित्रकला प्रदर्शनी, तथा कला – काव्य समागम संगोष्ठी का आयोजन किया। अवसर था कला – प्रवाह कार्यक्रम की तीसरी कड़ी जिसका विषय भारत की अक्षुण्ण गोंड जनजाति चित्रकला प्रदर्शनी तथा काव्य – नन्दा जिसमें बिहार के जाने माने कवि द्वारा कविता का पाठ किया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कवि और लेखक अवधेश झा ने गोंड कला की विशेषता तथा भारतीय संस्कृति और जीवन के विक्रमी संवत से गहरे संबंध को बतलाया। इस मौके डॉ० किशोर सिन्हा, डॉ अजय कुमार पांडे, प्रिंसिपल, पटना आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज तथा मीनाक्षी झा बनर्जी का सम्मान किया गया।
संस्था की सचिव रेखा शर्मा ने अंत में सभी प्रतिभागियों को उपहार दिया गया तथा विजेताओं को मेडल दिए। विजेताओं के नाम पारुल, ईशा, लक्ष्मी, देवव्रत, प्रणव, यशोधारा, चित्रांगदा, हैं। गायन कलाकार: अमित, अंबिका, अनन्या, वर्षा, शिवम, आकाश, शुभम,। कार्यक्रम का संचालन यामिनी ने अपने सुगठित शब्द विन्यास के साथ किया। अंत में केंद्र अधीक्षक रुधीश कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।