नई दिल्लीः साहित्यकारों के कर्म को सम्मानित करने का यह एक गैरसंस्थागत अनूठा प्रयास है, जो वरिष्ठों की स्मृति को भी जिंदा कर रहा और समकालीनों का सम्मान भी. स्थानीय गांधी शांति प्रतिष्ठान्न में ऐसे ही युवा कवि प्रांजल धर के संयोजन में एक सम्मान समारोह में वर्ष 2018 एवं 2019 के रवीन्द्र कालिया स्मृति पुरस्कार, पंकज सिंह स्मृति पुरस्कार, श्याम धर स्मृति पुरस्कार, सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया. इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए प्रो. मैनेजर पाण्डेय ने प्रेमचंद के लेखन और उनकी भाषा की विशेषता का उदाहरण देते हुए कहा कि- आज के लेखक को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह जिस वर्ग विशेष के लिए लेखन कर रहा है, उन लोगों को वह भाषा समझ में आनी चाहिए अर्थात गंभीर विचार सरल भाषा में प्रस्तुत करने से लेखक और रचना दोनों की आयु बढ़ जाती है. उन्होंने एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए भारतीय राजनीति को समाजनीति से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया.
सम्मानित होने वाले रचनाकारों में रवीन्द्र कालिया स्मृति पुरस्कार 2018 के लिए राकेश मिश्र और 2019 के लिए सुनील चतुर्वेदीको, पंकज सिंह स्मृति पुरस्कार 2018 के लिए बहादुर पटेल और 2019 के लिए संजय मिश्र को, श्याम धर स्मृति पुरस्कार 2018 के लिए पल्लव और 2019 के लिए नलिन रंजन सिंह को तथा सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार 2018 के लिए राहुल सिंह और 2019 के लिए अमिताभ राय को दिया गया. इस अवसर पर वरिष्ठ रचनाकारों ममता कालिया, विजय राय, अखिलेश, सविता सिंह आदि ने भी अपने विचार रखते हुए सम्मानित रचनाकारों को बधाई दी. समारोह के निर्णायक मंडल के सदस्य विजय राय, अखिलेश और जितेन्द्र श्रीवास्तव भी उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन धनंजय कुमार ने किया. सभागार युवा साहित्यकारों व साहित्यप्रेमियों से भरा था. निर्णायक मण्डल की संस्तुतियों का पाठ भावना ठाकुर, शम्भुनाथ मिश्र, अरुण कुमार, धनंजय कुमार, भावना सरोहा, कीर्ति बंसल, विनीता सिंह और कुमार मंगलम ने किया.