लखनऊः हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपनी सेवाओं, लेखन और कृतियों को लेकर श्रीकांत वर्मा पुरस्कार, वनमाली कथा पुरस्कार, इंदु शर्मा कथा सम्मान, परिमल सम्मान, अयोध्या प्रसाद खत्री पुरस्कार, स्पंदन सृजनात्मक पत्रकारिता पुरस्कार, राजकमल प्रकाशन कृति सम्मान: 'कसप'- मनोहर श्याम जोशी पुरस्कार आदि से सम्मानित कथाकार अखिलेश का आज जन्मदिन है. साल 1960 में 6 जून को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्मे अखिलेश ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा हासिल की और लेखन में सक्रिय हो गए. उन्होंने मूल लेखन के अलावा देश के कुछ महत्त्वपूर्ण निर्देशकों द्वारा लिखी गई कहानियों का मंचन एवं नाट्य रूपान्तरण तो किया ही, कई कहानियों का दूरदर्शन हेतु फिल्मांकन भी किया. इस क्रम में टेलीविजन के लिए पटकथा एवं संवाद लेखन का काम भी किया, पर उनकी असली पहचान कथाकार के रूप में ही बनी.
अखिलेश ने कहानी, उपन्यास, संस्मरण, संपादन इन सभी विधाओं में लिखा और लोकप्रियता हासिल की. अपने कहानी संग्रह- अँधेरा, आदमी नहीं टूटता, मुक्ति, शापग्रस्त, उपन्यास- अन्वेषण, निर्वासन, संस्मरण- वह जो यथार्थ था तथा अनियतकालीन पत्रिका तद्भव के संपादन के अलावा उन्होंने वर्तमान साहित्य, अतएव पत्रिकाओं का समय-समय पर संपादन किया. यही नहीं उन्होंने प्रख्यात कथाकार श्रीलाल शुक्ल के रचनाकर्म पर एकाग्र 'श्रीलाल शुक्ल की दुनिया', किताबों की एक श्रृंखला 'एक किताब एक कहानी', दस बेमिसाल प्रेम कहानियाँ, रिश्ते-नातों पर आधारित ग्यारह किताबों की एक श्रृंखला 'कहानियाँ रिश्तों की' भी संपादित की है. अखिलेश का यह लेखनकर्म सतत जारी रहे. बधाई!