मुंबईः मुंबई प्रेस क्लब में कवि पत्रकार ओमप्रकाश तिवारी के द्वितीय नवगीत संग्रह 'माफ करना कौस्तुभ' का लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें देश की वाणिज्यिक राजधानी के अधिकांश हिंदीभाषी साहित्यकार और पत्रकार उपस्थित हुए. इस मौके पर विशेष रूप से शहीद मेजर कौस्तुभ राणे के माता-पिता को भी आमंत्रित किया गया था. मेजर कौस्तुभ राणे की मां ज्योति राणे ने इस अवसर पर अपने संवेदनात्मक उद्गार में कहा कि कौस्तु्भ पर हमें गर्व है. वह हमें बहुत ऊंचाई देकर गया है. मैं शहीदों के सभी परिजनों से कहूंगी कि उन्हें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. याद रहे कि मेजर कौस्तुभ राणे पिछले साल आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. उन्हीं को समर्पित करते हुए नवगीतकार-पत्रकार ओम प्रकाश तिवारी ने अपने नवगीत संग्रह 'माफ करना कौस्तुभ' को रचा है. इस संकलन में उनकी 60 कविताएं संग्रहित हैं.
इस नवगीत संग्रह का लोकार्पण राणे परिवार ने किया. मुख्य अतिथि के तौर पर सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र मौजूद थे. मिश्र ने कहा कि जो हमारे समय का नायक हो, उसके माता-पिता की उपस्थिति में काव्य संग्रह का लोकार्पण, न केवल भारतीय मिट्टी की गंध लिए है बल्कि उसमें पवित्रता भी है. शायर देवमणि पांडे का मत था कि नवगीतकार के रूप में तिवारी ने करिश्मा किया है. उनके गीतों में व्यंग्य के तेवरों के साथ देश, समाज के रिश्ते-नातों को देखने का अलग नज़रिया भी है. 'माफ करना कौस्तुभ' के रचनाकार ओमप्रकाश तिवारी ने कहा कि कविताएं लिखी नहीं जाती हैं, वे उपजती हैं. कुछ खबरें बेचैन करती है जो कविता का रूप ले लेती हैं. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सिविल क्षेत्र में कोई शहीद होता है, तो उसे भी शहीद का दर्जा देना चाहिए. तिवारी ने यह भी कहा कि नई सरकार के बनते ही त्रिभाषा फार्मूले के नाम पर हिंदी के साथ जो छल किया जा रहा है, उसके विरोध में सभी हिंदी प्रेमियों को आगे आना चाहिए.