नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने साल 2018 के सम्मान की घोषणा कर दी है. उप्र हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सदानन्द प्रसाद गुप्त की अध्यक्षता में सबसे अहम पुरस्कार भारत-भारती सम्मान से पटना की साहित्यकार डॉ ऊषा किरन खान को सम्मानित करने की घोषणा की है. खान को पांच लाख रुपये की राशि के साथ इस सम्मान से नवाजा जाएगा. बाबा नागार्जुन के बाद वह बिहार की दूसरी ऐसी शख्सियत हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला है. दूसरा महत्त्वपूर्ण लोहिया साहित्य सम्मान पटियाला के मनमोहन सहगल को चार लाख रुपए के उपहार के साथ दिया जाएगा. हिंदी गौरव सम्मान पर बनारसी लेखक डॉ. बदरी नाथ कपूर का नाम रहा. इसी राशि का महात्मा गांधी साहित्य सम्मान भागलपुर के श्रीभगवान सिंह, पं दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान  लखनऊ के डॉ ओम प्रकाश पांडेय, अवंतीबाई साहित्य सम्मान दिल्ली के डॉ कमल कुमार, राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान इंफाल के मणिपुर ह‍िंदी परिषद को मिलेगा.

दो लाख की राशि वाले सम्मानों में लोक भूषण सम्मान पटना के डॉ. शांति जैन, कला भूषण सम्मान गाजियाबाद के मनोज कुमार सिंह, विद्या भूषण सम्मान नोएडा के डॉ जगमोहन सिंह राजपूत, विज्ञान भूषण सम्मान दामोह डॉ प्रेमचंद स्वर्णकार, पत्रकारिता भूषण सम्मान लखनऊ के डॉ रमेश चंद्र त्रिपाठी, प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान मॉरिशस के डॉ उदय नारायण गंगू, ह‍िंदी विदेश प्रसार सम्मान श्रीलंका के डॉ. बंडार मेणिके विजयतुंग, मधुलिमये साहित्य सम्मान गोरखपुर के डॉ. वेदप्रकाश पांडेय, पं श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान गोरखपुर रणविजय सिंह, विधि भूषण सम्मान दिल्ली ब्रजकिशोर शर्मा को मिला है. इनके अलावा महाकाव्य, कविता, नाटक, उपन्यास, आलोचना व अन्य विधाओं में 75 हजार रुपए की इनाम राशि के लिए 38 लेखकों के नाम की घोषणा की गई है. इसी तरह 40 हजार रुपए की पुरस्कार राशि वाले सर्जना पुरस्कार के लिए भी अलग-अलग विधाओं के 38 लेखकों का चयन किया गया है. इसके साथ ही गाजीपुर की युवा लेखिका रश्मि शाक्य को 25 हजार रुपए की धनराशि के साथ हरिवंश राय बच्चन युवा गीतकार सम्मान से नवाजा गया.