इलाहाबाद, वाणी प्रकाशन 10 से 14 सितंबर तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के निराला सभागार में  ‘श्रेष्ठ साहित्य पुस्तक प्रदर्शनीलगा रहा है, जिसमें समालोचक डॉ. योगेन्द्र प्रताप सिंह, इतिहासकार हेरम्ब चतुर्वेदी, मीडिया विशेषज्ञ डॉ. धनंजय चोपड़ा और वाणी प्रकाशन की निदेशक, कॉपीराइट व अनुवाद विभाग से अदिति माहेश्वरी-गोयल, वरिष्ठ विक्रय अधिकारी श्रीकांत अवस्थी व शाखा प्रबंधक विनोद तिवारी उपस्थित हो रहे हैं. इस प्रदर्शनी की विशेषता यह है कि इसमें वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ-साथ युवा लेखकों के उपन्यास, कहानी, कविता, ग़ज़ल की पुस्तकें काफ़ी मात्रा में उपलब्ध होंगी. वाणी प्रकाशन पिछले 55 वर्षों से साहित्य की नवीनतम विधाओं में प्रकाशन कर रहा है और प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑडियो प्रारूप में 6,000 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित कर चुका है. इसके संचालकों का दावा है कि देश के 3,00,000 से भी अधिक गांव, 2,800 कस्बे, 54 मुख्य नगर और 12 मुख्य ऑनलाइन बुक स्टोर में इनकी उपस्थिति तो है ही, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, ब्रिटेन और मध्य पूर्व से भी जुड़ा हुआ है. वाणी प्रकाशन की सूची में, साहित्य अकादेमी से पुरस्कृत 18 पुस्तकें और लेखक, हिंदी में अनूदित 9 नोबेल पुरस्कार विजेता और 24 अन्य प्रमुख पुरस्कृत लेखकों की पुस्तकें शामिल हैं.
लंदन में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा वातायन सम्मानतथा ऑक्सफोर्ड बिज़नेस कॉलेज के एक्सीलेंस इन बिज़नेससम्मान के अलावा ‘64वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोहमें स्वर्ण-कमल-2016’ पुरस्कार से सम्मानित वाणी प्रकाशन 'लेखक से मिलिये', 'हिंदी महोत्सवजैसे आयोजन के अलावा भारतीय और विदेशी भाषा साहित्य के बीच व्यावहारिक आदान-प्रदान की दिशा में भी काम कर रहा है. यह कम से कम दो भारतीय भाषाओं के बीच साहित्यिक और भाषाई संबंध विकसित करने की दिशा में गुणात्मक योगदान देने के लिए 'विशिष्ट अनुवादक' पुरस्कार भी देता है. यह प्रकाशन अपनी नई दिल्ली, पटना, वर्धा और इलाहाबाद की शाखाओं की मार्फत देश भर के पुस्तक मेलों और प्रदर्शनियों में अपनी खास उपस्थिति दर्ज कराता रहा है.