पटना, इप्टा राष्ट्रीय प्लैटिनम जुबली समारोह के अवसर पर इप्टा के 75 सालों के सांगीतिक सफर को प्रस्तुत करने के लिए बिहार इप्टा ने बिहार इप्टा स्क्वाड गठित किया गया है। लगभग 50 गायक-गायिकाओं और वादकों के साथ बिहार इप्टा की तीन दिवसीय कार्यशाला आज पटना युवा में प्रारंभ हुई। कार्यशाला में पटना सहित राज्य के विभिन्न जिलों की इप्टा इकाइयों के गायक कलाकारों और वादक भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का निर्देशन वरीय संगीतकार और बिहार इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष सीताराम सिंह कर रहे हैं। सीताराम सिंह बिहार में जन संगीत की एक मुख्य पहचान रहे हैं।
कार्यशाला की शुरुआत करते हुए सीताराम सिंह ने कहा कि 27 अक्टूबर 2018 से प्रारंभ हो रहे इप्टा राष्ट्रीय प्लैटिनम जुबली समारोह में बिहार इप्टा क्वायर द्वारा सांगीतिक प्रस्तुति होगी।
बिहार इप्टा ने वरीय पत्रकार नासिरुद्दीन के सहयोग से इप्टा के जनगीतों पर शोध किया है और उसके आधार पर प्रस्तुतियां तैयार की जा रही हैं। बिहार के गांवों और शहरों के गायक-गायिकाएं एक साथ एक मंच पर जनगीतों के 75 सालों के गौरव को प्रस्तुत करेंगे।
बिहार इप्टा के महासचिव तनवीर अख़्तर ने कहा कि " इप्टा ने देश में गीतों को गाँव, कस्बे से बाहर निकाल कर लोक गीत- संगीत को राष्ट्रीय पहचान दिया और बंगाल का संगीत केरल और केरल का संगीत सुदूर कश्मीर, मणिपुर तक पहुंचाया।
इप्टा के जनगीत संघर्ष की आवाज़ हैं और आम अवाम के स्वर हैं। यही स्वर 27 से 31 अक्टूबर को इप्टा राष्ट्रीय प्लैटिनम जुबली समारोह को रोशन करेंगे। इस समारोह में देश भर की नामचीन हस्तियां शिरकत कर रही हैं।