वाराणसीः उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जन्मस्थली लमही के नाम पर प्रकाशित पत्रिका 'लमही' ने अपने अंत:करण का आयतन विस्तॄत करते हुए निर्णय लिया है कि अब 'लमही सम्मान' एक-एक वर्ष के अंतराल पर क्रमशः आलोचक व कथाकार को दिया जाएगा. यानी एक वर्ष किसी एक कथाकार को और दूसरे वर्ष किसी एक आलोचक को प्रदान किया जायेगा. पत्रिका के संपादक विजय राय ने वर्ष 2018 का 'लमही सम्मान' प्रखर और तेजस्वी आलोचक अरुण होता को प्रदान किए जाने की घोषणा करते हुए यह बात कही. होता को यह सम्मान आगामी 31 जुलाई, 2019 को प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार स्थल की घोषणा बाद में की जाएगी.
याद रहे कि आलोचक अरुण होता का जन्म 10 जून, 1965 को ओड़िशा के सोनपुर में हुआ था. उन्होंने आलोचना और अनुवाद के क्षेत्र में काफी काम किया है. उनकी प्रमुख कृतियों में 'ब्रजबोली की भाव-संपदा', 'आधुनिक हिंदी कविता : युगीन संदर्भ' शामिल है. उन्होंने 'तुलनात्मक साहित्य : हिंदी और उड़िया के परिप्रेक्ष्य में' का अनुवाद भी किया है. उन्हें 'लमही सम्मान' देने की घोषणा करने वाले निर्णायक मंडल की अध्यक्षता ख्यात साहित्यकार डॉ. काशीनाथ सिंह ने की, जिसमें डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी, राजेन्द्र दानी और विजय राय उपस्थित थे. बैठक का संयोजन ऋत्विक राय ने किया. ज्ञातव्य है कि वर्ष 2017 का 'लमही सम्मान' भोपाल में डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी को प्रदान किया गया था.