पटनाः बिहार कला मंच, आनंद शास्त्री नृत्य संगीत कला महाविद्यालय एवं सिनेमा- मुंबई की ओर से स्थानीय डॉ. जाकिर हुसैन संस्थान में 'आज के संदर्भ में बिहार की कला-संस्कृति' विषय पर एक गोष्ठी सह अभिनंदन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें बिहार की कला, संस्कृति, पत्रकारिता, सिनेमा एवं साहित्य से जुड़ी शख्सियतों के अलावा मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. श्रवण कुमार ने शिरकत की. डॉ कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि बिहार के कलाकारों को अपने भविष्य के लिए चिंतित रहने की जरूरत है. राज्य के वरिष्ठ कलाकार आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ ऐसा करें जिससे हम अपनी गरिमा को पुन: पा सकें. उन्होंने संभावना जताई कि भविष्य में यहां के कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में अपनी समर्थ भागीदारी निभानी पड़ेगी.
इस अवसर पर बिहार संगीत नाटक अकादमी के सचिव विनोद अनुपम ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश अपनी कला-संस्कृति से विमुख होता जा रहा है, बिहार कला मंच ने कलाकारों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया है. दूरदर्शन के पूर्व कार्यक्रम अधिशासी एस.पी. सिंह ने कहा कि जबतक अपनी संस्कृति के प्रति लोगों को जागरुक नहीं किया जाता इसे बचाना मुश्किल है. हम सभी कलाकारों को अपने संस्कृति कर्म के प्रति सजग रहने की जरूरत है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जाकिर हुसैन संस्थान के महानिदेशक प्रो. उत्तम कुमार सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार के कलाकार अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान स्थापित करें. धन्यवाद ज्ञापन बीरेंद्र सिंह ने किया. मौके पर बीके गुप्ता, अर्चना सिन्हा, श्याम मोहन, कमलेश कुमार सिंह, रेशमा प्रसाद, डॉ. अजय पांडेय, मजहर ईलाही, ब्रजकिशोर दूबे, मनोरंजन ओझा, दिनेश कुमार, राजकुमार लाल, विभा लाल, बच्चा जी सिंह, संजय शुक्ला, शंभू पी सिंह और प्रतिष्ठित चित्रकार मनोज कुमार बच्चन आदि उपस्थित थे.