देश में कुछ संस्थाएं और लोग ऐसे भी हैं जो साहित्य, कला और संस्कृति के माध्यम से देश को एकता, प्रेम और भाईचारे के सूत्र में बांधने में जी जान से लगे हुए हैं। 'साहित्यिक संस्था 'आगमन' के अध्यक्ष श्री पवन जैन ने ' आगमन आपके द्वार' अभियान के तहत देश के कोने-कोने में घूमकर कई  से साहित्य, संवेदना और मनुष्यता का अलख जगाते रहे हैं।  'आगमन' का बिहार  में  पहली बार आगमन हुआ। पटना के चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सभागार में आयोजित 'आगमन' की गोष्ठी में बिहार और झारखंड के पचास से ज्यादा कवयित्रियों और कवियों ने शिरकत की और अपनी रचनाओं के माध्यम से क़ौमी एकता, भाईचारा, प्रेम और स्त्री सशक्तिकरण का सन्देश दिया। 
वरिष्ठ कवयित्री विभा रानी श्रीवास्तव की अध्यक्षता और वीणा श्री हेम्ब्रम के संचालन में ये आयोजन हुआ। 
 सम्मेलन में जिन लोगों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया, उनमें प्रमुख थे – विभा रानी श्रीवास्तव, डॉ मंगला रानी, वीणा श्री हेम्ब्रम, अनीता मिश्रा, रश्मि अभय, सरस्वती सिंह सरस, नेहा नुपूर, सरोज तिवारी, नंदा पांडेय, सत्या शर्मा कीर्ति, स्वराक्षी स्वरा, सोमा आनंद गुप्ता, कुमारी स्मृति, ज़ीनत शेख, शाज़िया नाज़, सुमन सोनी, नीतू गुप्ता, कृष्णा सिंह, इशानी सरकार, सीमा रानी, ज्योति मिश्रा, रितु सिंह, एकता रानी, ट्विंकल कर्मकार, रीता गुप्ता, प्रीति भारती, शरद नारायण खरे, सागर आनंद, पंकज भूषण पाठक, विभूति कुमार, मो. नसीम अख्तर, शशीष कुमार तिवारी, प्रकाश यादव ‘निर्भीक, कुंदन आनंद, सूरज ठाकुर बिहारी, वरुण प्रकाश, उत्कर्ष आनंद भारत, विकास राज, ऐनुल बरौलवी, मुकेश कुमार सिन्हा, गणेश बागी,  संजय सिंह तथा संजय कुमार। सभी रचनाकारों को 'आगमन' की तरफ से सम्मानित किया गया। 
(अनीश अंकुर की रिपोर्ट)