नई दिल्लीः साहित्य अकादेमी में प्रख्यात आइरिश कवयित्री बर्नाडेट गैलाघर के कविता पाठ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर आयरलैंड के राजदूत ब्रियान मैकएल्डफ भी उपस्थित थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में साहित्य अकादेमी के सचिव डॉ के एस राव ने बर्नाडेट गैलाघर का स्वागत करते हुए उनका संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया. प्रख्यात बाङ्ला लेखक निर्मलकांति भट्टाचार्यजी ने कवयित्री एवं आयरलैंड के राजदूत का स्वागत व प्रख्यात अंग्रेजी कवि केकी. एन दारूवाला ने अंगवस्त्रम एवं पुस्तक भेंट किया.आइरिश कवयित्री बर्नाडेट गैलाघर ने अपनी लगभग एक दर्जन कविताओं का पाठ किया और इन कविताओं से जुड़ी रचनात्मक प्रक्रिया को भी साझा किया. उनकी कविताओं में युद्ध, विस्थापन, पर्यावरण, पिता और हाशिए पर रह रहे लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई थी. उन्होंने विश्व में फैल रहे आतंकवाद को भी अपनी कविताओं में प्रस्तुत किया.

कार्यक्रम के पश्चात् उपस्थित विभिन्न भाषाओं के लेखकों ने उनकी कविताओं पर टिप्पणियाँ भी कीं. कवि मंगलेश डबराल ने उनकी तीन कविताओं का नन्हें छोकरे, छायाएँ एवं बीज शीर्षक से हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया. केकी. एन. दारूवाला ने उनकी कविताओं को संवेदना के अलग स्तर पर जाकर समझने की अपील की. बर्नाडेट गैलाघर ने उपस्थित श्रोताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मेरे लिए जमीन से जुड़ना अति महत्त्वपूर्ण है. उन्होंने आयरलैंड की वर्तमान राजनीतिक स्थिति का भी उल्लेख किया. सभी ने उनकी कविताओं में भारत की संवेदनशीलता को गहराई से महसूस किया. कार्यक्रम में प्रख्यात लेखक एच.एस. शिवप्रकाश, प्रबीर बसु, सुदीप सेन, जनरल बक्शी, देवेंद्र चैबे, चंद्रमोहन, ए.जे. थाॅमस आदि उपस्थित थे.